कैसे रखा जाता है ट्रेन का नाम, इसका आपको भी नहीं होगा पता

Indian News Desk:

Indian Railways : कैसे रखा जाता है ट्रेन का नाम, इसका आपको भी नहीं होगा पता

HR Breaking News (नई दिल्ली)। आपने अक्सर ट्रेनों में सफर किया होगा. इस दौरान आपने रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में कई अजीब चीजें देखी होंगी लेकिन उन पर आपका कभी खास ध्यान नहीं गया होगा. ऐसी ही एक विचित्र चीज है, ट्रेनों का नामकरण. आपने देखा होगा कि सभी ट्रेनों के नाम अलग-अलग रखे जाते हैं. यह नामकरण असल में भारतीय संस्कृति और विरासत को ध्यान में रखते हुए तय किए जाते हैं. भारतीय रेलवे ने अपनी कई ट्रेनों का नाम विभिन्न प्रसिद्ध पुस्तकों, कविताओं और उपन्यासों के नाम पर रखा है. आज हम आपको ऐसी ही 4 ट्रेनों के बारे में बताने जा रहे हैं।

अरण्यक एक्सप्रेस-

यह एक मेल एक्सप्रेस ट्रेन (Indian Railways) है, जो पश्चिम बंगाल में भोजुडीह जंक्शन से शालीमार के बीच चलती है. इस दौरान यह ट्रेन साढ़े चार घंटे में 281 किमी की दूरी तय करती है. इस ट्रेन का नामकरण विभूतिभूषण बंधोपाध्याय के प्रसिद्ध बंगाली उपन्यासों में से एक ‘अरण्यक’ के नाम पर रखा गया है. 

गोदान एक्सप्रेस-

यह एक एक्सप्रेस ट्रेन (Indian Railways) है, जो गोरखपुर और मुंबई के लोकमान्य तिलक स्टेशन के बीच चलती है. यह ट्रेन 34 घंटे में 1729 किमी का सफर तय करती है. इस दौरान यह ट्रेन 22 स्टेशनों पर ठहराव करती है. इस ट्रेन का नाम मुंशी प्रेमचंद के प्रसिद्ध हिंदी उपन्यास ‘गोदान’ के नाम पर रखा गया है।

हाटे बाजार एक्सप्रेस-

यह एक्सप्रेस ट्रेन (Indian Railways) बंगाल में चलती है. इस ट्रेन का नामकरण बंगाली उपन्यास हाटे बाजार (Hatey Bazare) के नाम पर रखा गया है. यह उपन्यास एक ऐसे डॉक्टर की कहानी बताता है, जो सरकारी सेवा से रिटायर होने के बाद बिहार के एक छोटे से शहर में गरीबों के इलाज में जुटा है. 

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तुतारी एक्सप्रेस-

इस ट्रेन (Indian Railways) का नामकरण मराठी क्रांतिकारी कवि कृष्णाजी केशव दामले की कविता ‘तुतारी’ के नाम पर रखा गया है. यह ट्रेन दादर सेंट्रल से सावंतवाड़ी रोड के बीच चलती है. इस दौरान यह 17 स्टेशनों पर रुकती है. इस ट्रेन को 496 किमी का सफर पूरा करने में 10 घंटे लग जाते हैं।

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