किसका खेत, कितनी बोई गई फसल, अब एक क्लिक लगेगा पता

Indian News Desk:

HR BREAKING NEWS : कृषि क्षेत्र में वास्तविक डाटा तैयार करने और यह जानने के लिए कि वास्तव में किस किसान का खेत कहा हैं और उसमें क्या फसल कितने भाग में बोई है, इसकी पड़ताल के लिए एग्रीस्टैक (डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फार एग्रीकल्चर) योजना को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इससे एक क्लिक पर किसान का पूरा ब्योरा सामने आ जाएगा। इसी आधार पर उसकी मदद की जाएगी। पहले चरण में 21 जिलों में इस आधार पर सर्वे होगा। इससे फसलों का सटीक आकलन हो सकेगा।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि इस योजना के तहत राज्य के किसानों का डिजिटल डाटाबेस (फार्मर रजिस्ट्री) तैयार किया जाएगा। उनकी फसलों का जीआईएस आधारित रियल टाइम सर्वे किया जाएगा। पहले चरण में 21 जिलों में पूर्ण रूप से और शेष 54 जिलों के 10-10 राजस्व गांव का डिजिटली फसल का सर्वे किया जाएगा। यह कार्य 15 अगस्त से शुरू होगा। योजना में प्रदेश के किसानों का संपूर्ण विवरण तैयार डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बैंक में संकलित किया जाएगा।

कृषि विभाग के दर्शन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों के डाटाबेस और भूलेख के डाटाबेस को समेकित कर जीआईएस बेस रियल टाइम फार्मर रजिस्ट्री तैयार की जाएगी। इसे क्रॉप सोन रजिस्ट्री का नाम दिया गया है। दर्शन पोर्टल पर पहले से ही उपलब्ध 3.34 करोड़ किसानों के डाटा का आधार का सत्यापन का कार्य भी किया जा रहा है। राजस्व परिषद के माध्यम से हाई रिजोल्यूशन सेटेलाइट इमेज का प्रयोग कर 24 जिलों में 90 प्रतिशत से ज्यादा पंचायतों का मानचित्र तैयार कर लिया गया है। बाकी जिलों में भी यह काम इस साल पूरा हो जाएगा।

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योजना का उद्देश्य

मंत्री ने बताया कि एग्रीस्टैक योजना का उद्देश्य किसानों को केंद्र व राज्य की सभी योजनाओं का लाभ दिलाना है। आसान प्रक्रिया में किसानों को सस्ता ऋण मिले तथा उच्चगुणवत्ता वाले कृषि उत्पाद से लेकर उनकी बाजार तक पहुंच बने। यह कार्य प्रत्येक वर्ष खरीफ, रबी व जायद में राजस्व विभाग के लेखपाल, कृषि विभाग के तकनीकी सहायक, गन्ना एवं उद्यान विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों की मदद से किया जाएगा।

तीसरी एजेंसी सत्यापन करेगी

योजना में जो भी डाटा तैयार होगा उसका उसके पांच प्रतिशत डाटा को थर्ड पार्टी एजेंसी से सत्यापित कराया जाएगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित स्टीयरिंग कमेटी थर्ड पार्टी का चयन करेगी। बता दें, देश के 12 राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत डिजिटल क्रॉप सर्वे कराया जा रहा है। अब यूपी में भी इसे शुरू किया जा रहा है।

अयोध्या समेत 21 जिलों में पूर्ण रूप से होगा डिजिटल क्रॉप सर्वे

भदोही, संत कबीर नगर, औरैया, महोबा, हमीरपुर, सुल्तानपुर, वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, मुरादाबाद, जालौन, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, अयोध्या, चंदौली, झांसी, बस्ती, हरदोई, देवरिया व गोरखपुर। अन्य 54 जिलों के 10-10 राजस्व गांवों में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर योजना का संचालन किया जाएगा।
 

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