यहां बनेगा UP का पहला सेमीकंडक्टर पार्क, पहले चरण में खर्च होंगे 2500 करोड़

Indian News Desk:

HR Breaking News (ब्यूरो) :  इसके लिए कंपनी ने यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी से करीब 100 एकड़ जमीन की मांग की है। प्राधिकरण की ओर से कंपनी की इस मांग पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। बता दें कि हीरानंदानी समूह ने ग्रेटर नोएडा में यूपी का पहला डेटा सेंटर भी स्थापित किया है।

समूह के सीईओ ने प्राधिकरण को लिखा पत्र

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हीरानंदानी समूह के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने ग्रेटर नोएडा में सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने प्राधिकरण से 100 एकड़ जमीन की मांग की है। कहा है कि कंपनी यहां सेमीकंडक्टर असेंबलिंग, टेस्टिंग और मार्केटिंग समेत कई यूनिट लगाएगी। उन्होंने पत्र में लिखा है कि यह भारत सरकार की ओर से चलाए सेमीकंडक्टर मिशन के तहत प्रयास है।

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पहले चरण में होगा 25 सौ का निवेश

हीरानंदानी ग्रुप की ओर से कहा गया है कि यदि सब कुछ सही रहा तो कंपनी पहले चरण में यहां करीब 25 सौ करोड़ रुपये का निवेश करेगी। सभी विभागों की ओर से मंजूरी मिलने के बाद दो साल में इस परियोजना को लागू कर दिया जाएगा।

साथ ही कंपनी की ओर से इस यूनिट के लिए पर्याप्त बिजली और पानी की भी मांग की गई है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी के प्रस्ताव पर प्राधिकरण गंभीरता के साथ विचार कर रहा है।

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ग्रेटर नोएडा में बनाया है पहला डेटा सेंटर

बता दें कि हीरानंदानी समूह की ओर से ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश का पहला डेटा सेंटर भी स्थापित किया गया है। कुछ माह पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका उद्घाटन किया था। इस डेटा सेंटर का काम सितंबर 2020 में शुरू हुआ था, जिसे अक्टूबर 2022 में पूरा किया गया था। प्रदेश सरकार और कंपनी की ओर से कहा गया था इस डेटा सेंटर से हजारों रोजगार पैदा होंगे।

क्या है सेमीकंडक्टर चिप, कहां होती है जरूरत?

जानकारी के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए सेमीकंडक्टर चिप जरूरी पुर्जा है। इसका इस्तेमाल साधारण इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से लेकर डिजिटल उपकरणों और हथियारों के निर्माण में होता है। ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री में भी इस चिप की बेहत मांग है।

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हाल के दिनों में डिमांड ज्यादा और सप्लाई कम होने के कारण इसकी कीमतें बढ़ी हैं। बताया गया है अभी तक विदेशों से इन चिप्स को आयात किया जाता था, लेकिन अब ये भारत में ही निर्मित होंगी।

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