प्रोपर्टी खरीदते समय रजिस्ट्री से ज्यादा जरूरी है ये काम, भूल से भी न करें ये गलती

Indian News Desk:

HR BREAKING NEWS : प्रापर्टी से जुड़े नियम कहते हैं किसी जमीन की सिर्फ अपने नाम से रजिस्ट्री करा लेने से ही उसका मालिकाना हक नहीं मिल जाता. इसके लिए दाखिल खारिज यानी म्यूटेशन जिसे नामांतरण भी कहा जता है, कराना बेहद जरूरी होता है. जब तक जमीन या फिर उसके खरीदे गए हिस्से से जुड़े खसरा-खतौनी आपका नाम पर नहीं चढ़ जाता है तब तक आप उसके मालिक नहीं हैं. अगर आप किसी प्रॉपर्टी का नामांतरण नहीं कराते तो आपको एक नहीं कई परेशानियों का सामना कर सकता है. साथ ही धोखाधड़ी का भी खतरा बढ़ जाता है.
संपत्ति आपके नाम पर रजिस्टर्ड होने के बाद सरकारी रिकॉर्ड्स में प्रॉपर्टी का म्यूटेशन कराना होता है. म्यूटेशन का मतलब होता है कॉरपोरेशन के रिकॉर्ड्स में किसी संपत्ति का ट्रांसफर या नाम में बदलाव. अक्सर लोग रजिस्ट्री कराने के बाद निश्चिंत हो जाते हैं. वह प्रॉपर्टी खरीदते समय भी सबसे ज्यादा फोकस रजिस्ट्री के कागजों पर ही रखते हैं. हालांकि, म्यूटेशन कराना भी उतना ही जरूरी है जितना रजिस्ट्री.
नामांतरण नहीं करवाया तो होगी ये परेशानियां
प्रॉपर्टी म्यूटेशन मालिकाना हक टैक्स रिकॉर्ड का सबूत है. प्रॉपर्टी का म्यूटेशन न कराने पर प्रॉपर्टी टैक्स भरने में दिक्कत होती है. अगर भविष्य में प्रॉपर्टी बेचते हैं तो खरीदार आपसे म्यूटेशन पेपर्स दिखाने को जरूर कहेगा. इन्हें न दिखाने पर संपत्ति बेचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा प्रॉपर्टी का म्यूटेशन न कराने से धोखाधड़ी का खतरा भी बढ़ जाता है. जालसाज लोग एक ही जगह की दो-तीन लोगों के नाम रजिस्ट्री करवा देते हैं.
कैसे करवाएं नामांतरण
भारत में अचल संपत्ति मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है. पहली खेती की जमीन, दूसरी आवासीय जमीन, तीसरी औद्योगिक जमीन इस जमीन के साथ मकान भी सम्मिलित हैं. इन तीनों ही प्रकार की जमीनों का नामांतरण अलग-अलग प्रकार से अलग-अलग स्थानों पर किया जाता है. जब भी कभी किसी संपत्ति को सेल डीड के माध्यम से खरीदा जाए या फिर किसी अन्य साधन से अर्जित किया जाए तब उस दस्तावेज के साथ संबंधित कार्यालय पर उपस्थित होकर संपत्ति का नामांतरण करवा लेना चाहिए.
कहां से मिलती है पूरी जानकारी
जो जमीन खेती की जमीन के रूप में दर्ज होती है ऐसी जमीन का नामांतरण उस पटवारी हल्के के पटवारी द्वारा किया जाता है. आवासीय भूमि का नामांतरण कैसे किया जाए. आवासीय भूमि से संबंधित सभी दस्तावेजों का रिकॉर्ड उस क्षेत्र की नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद या फिर गांव के मामले में ग्राम पंचायत के पास होता है. वहीं औद्योगिक जमीन का रिकॉर्ड औद्योगिक विकास केंद्र जो प्रत्येक जिले में होता है उसके समक्ष रखा जाता है ऐसे औद्योगिक विकास केंद्र में जाकर यह जांच करना चाहिए.