भारत में स्लीपर क्लास बनाएगी ये सरकारी संस्था, एक ट्रेन पर खर्च होंगे 120 करोड़

Indian News Desk:

वंदे भारत ट्रेनें : इस सरकारी कंपनी ने बनाई स्लीपर क्लास वंदे भारत, एक ट्रेन की लागत 120 करोड़ रु.

एचआर ब्रेकिंग न्यूज, डिजिटल डेस्क: सार्वजनिक क्षेत्र की भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) के नेतृत्व वाले एक कंसोर्टियम ने स्लीपर श्रेणी की 80 वंदे भारत ट्रेनों का ठेका हासिल किया है। इन अनुबंधों का कुल मूल्य 9,600 करोड़ रुपये से अधिक है। कंसोर्टियम को छह वर्षों में भारतीय रेलवे को 80 स्लीपर क्लास वंदे भारत ट्रेनों की आपूर्ति करनी है। स्लीपर क्लास वंदे भारत ट्रेन (ट्रेन 18) की काफी डिमांड है। इन्हें खासतौर पर दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा जैसे लंबे रूट्स पर चलाया जा सकता है। वर्तमान में चलने वाली सभी वंदे भारत ट्रेनों में केवल चेयरकार और एक्जीक्यूटिव चेयरकार क्लास हैं।

120 करोड़ की ट्रेन

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बीएचईएल ने शेयर बाजार को बताया कि उसके नेतृत्व वाले कंसोर्टियम को भारतीय रेलवे से 80 वंदे भारत ट्रेनों का ठेका मिला है। इसके तहत टैक्स और ड्यूटी को छोड़कर हर ट्रेन की सप्लाई वैल्यू 120 करोड़ रुपये है। शेयर बाजार को दी गई जानकारी के मुताबिक 35 साल के लिए मेंटेनेंस का ठेका भी दिया गया है। भेल 72 महीनों में 80 ट्रेनों की डिलीवरी करेगा।

भेल और टीटागढ़ वैगन इसी कंसोर्टियम के हैं। टीटागढ़ टेक्नोलॉजी एसोसिएट्स। कंसोर्टियम ICF चेन्नई में विनिर्माण इकाई को लैस, अपग्रेड, संचालित और रखरखाव करेगा और भारतीय रेलवे द्वारा सौंपे गए दो डिपो में समर्पित स्थान प्रदान करेगा।

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आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान को भारत की पहली सौगात दे रहे हैं। वह दिल्ली से जयपुर जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इस रूट पर यह राजस्थान की पहली बंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन होगी। नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की नियमित सेवा 13 अप्रैल, 2023 से शुरू होगी। यह अजमेर और दिल्ली कैंट के बीच चलेगी। ट्रेन इस रूट पर जयपुर, अलवर और गुड़गांव में भी रुकेगी। पीएमओ ने कहा कि यह ट्रेन पुष्कर, अजमेर शरीफ दरगाह समेत राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ने में अहम साबित होगी.

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