केंद्र सरकार के इन कर्मचारियों को मिलेगा पुरानी पेंशन योजना का लाभ, जानिए कैसे करें आवेदन

Indian News Desk:
एचआर ब्रेकिंग न्यूज, डिजिटल डेस्क- पुरानी पेंशन योजना की तलाश कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। उनके पास अब नई और पुरानी पेंशन योजनाओं में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा। हालांकि केंद्र सरकार ने इसके लिए कुछ शर्तें रखी हैं। कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किया है। चयनित केंद्रीय कर्मचारियों के पास पुरानी पेंशन में जाने या मौजूदा व्यवस्था को जारी रखने का विकल्प होगा।
सरकार ने इसके लिए कटऑफ डेट 22 दिसंबर 2003 तय की है। यानी अगर आपने पहले सरकारी नौकरी की है तो आप पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) से जुड़ सकते हैं। उसके बाद नौकरी पाने वालों को नई पेंशन योजना में रहना होगा। केंद्र सरकार के मुताबिक पात्र कर्मचारी 31 अगस्त 2023 तक पुरानी पेंशन योजना में स्विच कर सकते हैं। पंजाब, हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजनाएं लागू हो चुकी हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी केंद्र की तरह नई और पुरानी पेंशन योजना चुनने का विकल्प दिया है।
किन केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा पुरानी पेंशन योजना का लाभ?
केंद्र द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार पुरानी पेंशन योजना का विकल्प वही कर्मचारी ले सकते हैं जिन्होंने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की अधिसूचना की तारीख (22 दिसंबर, 2003) से पहले विज्ञापित या विज्ञापित पद पर रोजगार प्राप्त किया हो। ये कर्मचारी कर्मचारी केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत ओपीएस में शामिल होने के पात्र हैं।
अगर आप बाद में नौकरी ज्वाइन करते हैं?
22 दिसंबर 2003 के बाद प्रकाशित भर्ती में यदि आप सरकारी नौकरी करते हैं तो आपको पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलेगा। आप नई पेंशन प्रणाली में होंगे।
यदि पात्र हैं, तो मैं ओपीएस के लिए कब तक आवेदन कर सकता हूं?
यदि आप पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का विकल्प चुनने के योग्य हैं, तो आप 31 अगस्त, 2023 तक इस विकल्प का लाभ उठा सकते हैं।
किन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ?
2003 से पहले ज्यादातर केंद्र सरकार के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना का लाभ उठा रहे थे। नवोदय विद्यालय जैसे कुछ संस्थानों में पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं थी। ऐसे में इस फैसले से उन कर्मचारियों को फायदा होगा जो 2003 से पहले नवोदय जैसे संस्थानों में शामिल हुए थे, जो पहले से ही नई पेंशन योजना के तहत थे।
पेंशन योजना विवाद क्या हैं?
नई पेंशन योजना 1 जनवरी, 2004 से अस्तित्व में आई। इसका लगातार विरोध होता रहा है। एनपीएस यानी नेशनल पेंशन स्कीम देशभर के करीब 27 राज्यों में लागू है। पश्चिम बंगाल में पुरानी पेंशन योजना चल रही है। विवाद तब शुरू हुआ जब सांसदों और विधायकों के लिए पुरानी पेंशन योजना के प्रावधानों को बरकरार रखा गया, जबकि सिविल सेवकों को 60 साल की सरकारी सेवा के बाद भी एनपीएस के तहत रखा गया।
नए प्रोजेक्ट का विरोध क्यों?
पेंशन फंड के इस पैसे को स्टॉक और बॉन्ड मार्केट में निवेश किया जाता है और रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। निवेश घटने पर पेंशन की रकम घट जाती है। पुरानी पेंशन प्रणाली जीपीएफ थी, जो अब सीपीएफ है। इसमें कर्मचारियों को योगदान देने की आवश्यकता होती है, लेकिन निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है। जीपीएफ में कोई कर्मचारी योगदान नहीं है और निश्चित पेंशन सुनिश्चित है। वृद्धावस्था पेंशनभोगियों को हर छह महीने में सराहना और वेतन आयोग का लाभ मिलता है, जबकि एनपीएस में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।