इस स्पीड से चलने वाली ट्रेन कहलाती है सुपरफास्ट, जानिए क्यों है ज्यादा किराया

Indian News Desk:

एचआर ब्रेकिंग न्यूज, डिजिटल डेस्क- भारतीय रेल को देश की जीवन रेखा भी माना जाता है। भारतीय रेलवे प्रतिदिन ऑस्ट्रेलिया की कुल जनसंख्या से अधिक यात्रियों को ढोती है। ट्रैक की लंबाई के मामले में भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है। भारत में कई तरह की ट्रेनें चल रही हैं। इनमें पैसेंजर, मेल-एक्सप्रेस, एक्सप्रेस ट्रेनें और सुपरफास्ट ट्रेनें शामिल हैं। इन ट्रेनों की पहचान इनकी गति के आधार पर की जाती है। सुपरफास्ट की श्रेणी में सबसे तेज चलने वाली ट्रेन आएगी, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस ट्रेन की असल स्पीड क्या है?

भारतीय रेलवे के अनुसार 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेन को मेल-एक्सप्रेस ट्रेन कहते हैं। अलग-अलग जगहों पर रुकती है। पंजाब मेल, मुंबई मेल, कालका मेल, एक्सप्रेस ट्रेनें हैं। एक्सप्रेस ट्रेन भारत में एक अर्ध-प्राथमिकता वाली रेल सेवा है। इन ट्रेनों की रफ्तार करीब 55 किमी प्रति घंटा है। एक्सप्रेस ट्रेनों का नाम अक्सर किसी शहर, स्थान या व्यक्ति के नाम पर रखा जा सकता है।

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किसे सुपरफास्ट ट्रेन माना जाएगा?

indianrailways.gov.in के मुताबिक अगर ब्रॉडगेज में ट्रेन की स्पीड ऊपर और नीचे दोनों तरफ 55 किमी प्रति घंटा है। प्रति घंटा और मध्य रेखा पर 45 किमी। प्रति घंटा, तो ट्रेन को सुपरफास्ट अधिभार लगाने के उद्देश्य से सुपरफास्ट ट्रेन माना जाएगा। औसत गति की गणना कुल यात्रा की दूरी से अंत-से-अंत की दूरी को विभाजित करके की जाती है। सुपरफास्ट ट्रेनें मेल-एक्सप्रेस या एक्सप्रेस ट्रेनों से तेज होती हैं। कुछ सुपरफास्ट ट्रेनों की गति 110 किमी प्रति घंटे से अधिक होती है। बीच में स्टॉप कम हैं। वे एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं। इसमें जनरल, स्लीपर और एसी कोच भी शामिल हैं।

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किराया ज्यादा क्यों है?

सुपरफास्ट ट्रेनें तेज गति से चलने वाली ट्रेनें हैं। दूरी तय करने में उन्हें मेल और एक्सप्रेस की तुलना में कम समय लगता है। इनका किराया आमतौर पर अधिक होता है क्योंकि ये कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँच जाते हैं और यात्रियों को सुविधा प्रदान करते हैं। ट्रेन के किराए पर कई तरह के शुल्क वसूले जाते हैं।

इनमें मिनिमम डिस्टेंस चार्ज, मिनिमम नॉर्मल फेयर, रिजर्वेशन चार्ज, सुपरफास्ट चार्ज और जीएसटी आदि शामिल हैं। इन्हीं सब के आधार पर टिकट की कीमत तय होती है। सुपरफास्ट ट्रेन टिकट पर सुपरफास्ट सरचार्ज लागू है। द्वितीय श्रेणी के लिए यह अधिभार किराए का 10 प्रतिशत है, जबकि शयनयान के लिए यह 20 प्रतिशत है। वातानुकूलित चेयर कार और उससे ऊपर की सभी श्रेणियों पर अधिभार 30 प्रतिशत है।

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