राजस्थान के इस इलाके में लगेगा सबसे बड़ा सोलर प्लांट, नहीं होगी बिजली की कमी

Indian News Desk:
एचआर ब्रेकिंग न्यूज (ब्यूरो): जब यह सोलर पार्क बनकर तैयार हो जाएगा तो बीकानेर दुनिया का सबसे बड़ा सोलर हब बन जाएगा। उसके बाद बीकानेर में 13500 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। अब तक का सबसे बड़ा 2245 मेगावाट का सोलर पार्क जोधपुर के भादला में है।
कोलया में 3000 मेगावाट का सोलर प्लांट तैयार होने के बाद वडला का नाम कोलायत के नाम पर रखा जाएगा। इसके अलावा पुगल के बराला क्षेत्र के छोटा बंदरवाला में 2000 मेगावॉट का सोलर पार्क भी बन रहा है।
चाणक्य सिद्धांत: महिलाएं उन पुरुषों के पास जाती हैं जो काम करने में देर नहीं करते हैं
इसे राजस्थान स्टेट पावर जनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड तैयार कर रहा है। कोलया में बनने वाले अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क को सेंट्रल ट्रांसमिशन सिस्टम से जोड़ा जाएगा। इसे तैयार होने में 2 साल लगेंगे।
पार्क के लिए पारेषण लाइन सहित अन्य स्वीकृतियां दी जा चुकी हैं। इस पर काम भी शुरू हो गया है। 3000 मेगावॉट के इस पार्क को निजी कंपनी रेज एक्सपर्ट तैयार कर रही है। इससे बीकानेर में बिजली आपूर्ति भविष्य में सुचारू होने के साथ ही यहां के युवाओं के लिए रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।
चाणक्य सिद्धांत: महिलाएं उन पुरुषों के पास जाती हैं जो काम करने में देर नहीं करते हैं
अभी तक का सबसे बड़ा… 2245 मेगावाट का सोलर पार्क वडला, जोधपुर में
सौर ऊर्जा में राजस्थान आगे
सौर ऊर्जा उत्पादन में राजस्थान देश में अग्रणी है। भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के अनुसार 10506 मेगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में राजस्थान पूरे देश में अव्वल है। यह बीकानेर से 8000 मेगावाट बिजली पैदा करता है। रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक 7534 मेगावॉट क्षमता के साथ दूसरे और गुजरात 6309 मेगावॉट क्षमता के साथ तीसरे नंबर पर है।
13,500 मेगावाट बिजली पैदा होगी
बीकानेर में 13500 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा। अभी तक 8 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। एक मेगावॉट सालाना 15.50 लाख यूनिट बिजली पैदा करता है। अब तक 36 सोलर प्लांट के लिए 50 हजार वर्ग किलोमीटर यानी 14 हजार एकड़ जमीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। बीकानेर में 18 बड़ी कंपनियों ने 36 प्लांट लगाए हैं। अब बीकानेर में 5000 मेगावॉट क्षमता के दो सोलर पार्क के अलावा 500 मेगावॉट का एक और प्लांट लगाया जाएगा। इसके लिए सरकार और निजी कंपनियों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
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540 प्लांट से बिजली ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर तक पहुंच रही है
बनासकांठा (गुजरात)-मोगा (पंजाब) से एक हरित ऊर्जा गलियारा है जो बीकानेर, जोधपुर, अजमेर और हनुमानगढ़ जिलों से होकर गुजरता है। इस ग्रीन कॉरिडोर की डबल सर्किट लाइन और बीकानेर के जलालसर में निर्मित 765/400 केवी (किलोवोल्ट) पावर ग्रिड स्टेशन पर लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत आई है।
हरित ऊर्जा कॉरिडोर के माध्यम से राज्य के वडला (जोधपुर) स्थित सौर ऊर्जा संयंत्र तथा बीकानेर के लूणकरणसर-कोलायत क्षेत्र में स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र से उत्पादित बिजली राष्ट्रीय ऊर्जा उद्यान मोगा तक पहुंचने लगेगी. इसके लिए बीकानेर के जलालसर क्षेत्र में ग्रिड पावर सब स्टेशन का निर्माण किया गया है।