परचून की दुकान से शुरू हुआ सफर, आज हैं 36,000 करोड़ की कंपनी के मालिक

Indian News Desk:

HR Breaking News (ब्यूरो) :  आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके आगे कई परेशानियां आई. न ठीक से पढ़ाई लिखाई हो पाई, न कुछ करने का समय मिल पाया, कम उम्र में ही शादी के बंधन में बध गए. एक टाइम तो ऐसा आया जब इन्हें रेलवे पर रात गुजारनी पड़ी. लेकिन कहते हैं ना हार न मानने वाले की हमेशा जीत होती है. हम बात कर रहे हैं भारतीय उद्योगपति सत्यनारायण नुवाल (Satyanarayan Nuwal) की.

सत्यनारायण नुवाल का नाम बहुत कम लोगों ने ही सुना होगा लेकिन इनकी सादगी के किस्से जान हर कोई हैरान हो जाता है. सत्यनारायण नुवाल एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत से अपना बिज़नेस एम्पायर खड़ा किया है. वे आमतौर पर हिंदी में बोलना पसंद करते हैं. उन्होंने घर की जिम्मेदारियों के चलते 10वीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया था पर आज नुवाल 36 हजार करोड़ की कंपनी के मालिक हैं.

1000 रुपये से बने 36,000 करोड़ की कंपनी के मालिक

राजस्थान के भीलवाड़ा में एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे सत्यनारायण नुवाल ने सिर्फ दसवीं तक पढ़ाई की है. 10वीं से आगे वो पढ़ाई नहीं कर पाए. पिता पटवारी थे और 1971 में उनके रिटायर होने के बाद परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए संघर्ष करने लगे. उनके दादाजी छोटी सी परचून की दुकान चलाते थे. नुवाल के दादाजी छोटी सी परचून की दुकान चलाते थे, स्कूल के बाद वो दादाजी की मदद किया करते थे. लेकिन इससे घर चलाना संभव नहीं था. वहीं मात्र 19 साल की उम्र में ही उनकी शादी हो गई. जिसके कारण उनकी जिम्मेदारियां और बढ़ गई.

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पहले बिज़नेस में नहीं मिली सफलता

घर की स्थिति देखते सत्यनारायण नुवाल ने फाउंटेन पेन की स्याही बेचने का काम शुरू किया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. साल 1977 में वो महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के बल्हारशाह आ गए. यहां उनकी मुलाकात अब्दुल सत्तार अल्लाहभाई से हुई जो कुएं खोदने, सड़कें बनाने और खदानों की खुदाई में काम आने वाले विस्फोटकों के व्यापारी थे. यहीं से उनके जीवन में नया मोड़ आया.

250 रुपये में खरीद 800 में बेचते थे सामान

सत्यनारायण नुवाल 1,000 रुपये महीना देकर अल्लाहभाई के विस्फोटकों के गोदाम के साथ विस्फोटकों को बेचने के उनके लाइसेंस का उपयोग करते हुए धंधा करने लगे. जल्द ही ब्रिटेन की एक फर्म इंपीरियल केमिकल इंडस्ट्रीज के अधिकारियों की उन पर नजर पड़ी और धीरे धीरे उनकी गाड़ी पटरी पर आने लगी. शुरुआत में वो 250 रुपये में 25 किलो विस्फोटक खरीदकर बाजार में 800 रुपये में बेचते थे. 1995 में, उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक से 60 लाख रुपये का कर्ज लेकर विस्फोटक निर्माण की छोटी इकाई शुरू की.

ऐसे मिली सफलता

सन 1996 में उन्हें 6,000 टन विस्फोटक सालाना बनाने का लाइसेंस मिला. शुरुआत के दिनों में नुवाल कोयला खदानों में विस्फोटक की आपूर्ति करने लगे. वर्ष 2010 में सोलर देश की पहली निजी कंपनी थी जिसे भारत सरकार से भारत के रक्षा बलों के लिए हथियार बनाने के लिए विस्फोटक बनाने का लाइसेंस मिला था. साल 2021-22 में चार लाख टन सालाना की क्षमता के साथ वे दुनिया के चौथे सबसे बड़े विस्फोटक निर्माता और पैकेज्ड विस्फोटकों के सबसे बड़े निर्माता बन गए.

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खड़ी की 36,000 करोड़ की कंपनी

कंपनी वर्तमान में मेक इन इंडिया मिशन के हिस्से के रूप में विस्फोटक और प्रोपेलेंट से लेकर ग्रेनेड, ड्रोन और वॉरहेड तक सब कुछ बनाती है. सौर उद्योग के लिए बाजार मूल्य एक दशक में 1,700% बढ़ गया. 2012 में 1,765 करोड़ से नवंबर 2022 तक 35,000 करोड़ से अधिक हो बाजार हो गया. सत्यनारायण नुवाल की कुल संपत्ति 2023 में 190 करोड़ डॉलर है. सोलर इंडस्ट्रीज में 73% हिस्सेदारी नुवाल की है. नुवाल की संपत्ति करीब 3 बिलियन डॉलर आंकी गई है.

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