High Court जज साहब ने अचानक खड़े होकर सबसे मांगी माफी और फिर दे दिया इस्तीफा

Indian News Desk:

High Court जज साहब ने अचानक खड़े होकर सबसे मांगी माफी और फिर दे दिया इस्तीफा

HR Breaking News (नई दिल्ली)। बॉम्बे हाईकोर्ट में एक अजीबोगरीब घटना देखने को मिली। हाईकोर्ट के जस्टिस अपनी कोर्ट में आए। जब कोर्ट चल रही थी तो उन्होंने अचानक अदालत में मौजूद सभी लोगों से माफी मांगी और फिर कहा कि वो अपनी नौकरी से इस्तीफा दे रहे हैं। उनकी बात सुनकर सारे स्तब्ध थे। किसी को सपने में भी गुमान नहीं था कि जस्टिस ओपन कोर्ट में अपने इस्तीफे के ऐलान कर देंगे। वैसे इस तरह का ये पहला वाकया है जब किसी जस्टिस ने अपने इस्तीफे का ऐलान कोर्ट रूम में किया। इससे पहले इस तरह की रवायत नहीं देखी गई थी।

नौकरी से इस्तीफा देने वाले जस्टिस का नाम रोहित बी देव है। इस्तीफे के ऐलान के वक्त वो नागपुर बेंच में बैठे थे। अपने इस्तीफे के ऐलान के दौरान उन्होंने अदालत में मौजूद लोगों से कहा कि अगर उनकी किसी बात से किसी को ठेस पहुंची है तो वो इसके लिए माफी मांगते हैं। उनका कहना था कि किसी के लिए उनके मन में कोई मलाल नहीं है। अगर किसी को उनकी वजह से कोई ठेस पहुंची है तो वो क्षमा प्रार्थी हैं।

रोहित बी देव 2017 में बने थे बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस

हाईकोर्ट में जस्टिस रोहित बी देव 2017 में पहुंचे थे। जज बनने से पहले वो एडवोकेट जनरल थे। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में एडिशनल सॉलीसिटर जनरल के तौर पर भी काम किया। हाईकोर्ट से उनको 4 दिसंबर 2025 को रिटायर होना था। लेकिन उससे पहले ही उन्होंने हाईकोर्ट की नौकरी को अलविदा कह दिया।

READ  पति पिता है शराब, तो क्या पत्नी दे सकती है तलाक, कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

जीएन साईबाबा को डिस्चार्ज करने वाली बेंच के सदस्य थे जस्टिस रोहित

जस्टिस रोहित बी देव का नाम उस समय सुर्खियों में आया जब माओवादियों से कनेक्शन के आरोपी जीएन साईबाबा को उन्होंने डिस्चार्ज कर दिया था। बीते साल ये फैसला हुआ था। हालांकि उनके फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि साईबाबा को डिस्चार्ज करने वाली बेंच ने सही फैसला नहीं लिया। रोहित फैसला देने वाली नागपुर बेंच के एक सदस्य थे।

जस्टिस देव ने Samrudhhi Expressway के मामले में महाराष्ट्र सरकार के एक विवादास्पद फैसले पर भी रोक लगाई थी। ये मामला भी खासी सुर्खियों में रहा था। जस्टिस रोहित का फैसले में कहना था कि ठेकेदारों को लेकर सरकार ने जो प्रस्ताव पास किया वो गलत है।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *