फर्जी एफआईआर दर्ज कराने वाली महिला को हाईकोर्ट ने दिया बड़ा झटका, दिया अहम फैसला

Indian News Desk:

एचआर ब्रेकिंग न्यूज, डिजिटल डेस्क- पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने समझौते के आधार पर प्राथमिकी रद्द करने की मांग वाली याचिका का निस्तारण करते हुए, अहं को संतुष्ट करने के लिए फर्जी प्राथमिकी के चलन पर चिंता व्यक्त की और इस पर रोक लगाने के लिए कहा। उच्च न्यायालय ने आवेदन को स्वीकार कर लिया और प्राथमिकी को रद्द करने का आदेश दिया, लेकिन कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग और समय की बर्बादी के लिए शिकायतकर्ता पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
याचिका दाखिल करते हुए कहा गया कि पीड़ित महिला की शिकायत के आधार पर याचिकाकर्ता के खिलाफ लुधियाना में मानहानि व अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. शिकायत के मुताबिक, याचिकाकर्ता ने खुलेआम अपने शील का उल्लंघन किया।
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शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज की और पता चला कि इस मामले में शिकायतकर्ता ने सार्वजनिक स्थान पर याचिकाकर्ता को थप्पड़ मारा था. इसके बाद मामले को लेकर दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया और प्राथमिकी को रद्द करने की मांग को लेकर यह आवेदन दायर किया गया।
कोर्ट ने कहा कि पहले याचिकाकर्ता का अहंकार संतुष्टि के लिए अपमान किया गया और फिर इस तरह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया गया। ऐसे मामलों में कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ऐसे में इस मामले में हाईकोर्ट ने शिकायतकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.