सर्वे में हुआ खुलासा, 24 साल की 74 प्रतिशत लड़कियां बना चुकी सबंध, लड़के रह गए पीछे

Indian News Desk:
HR Breaking News (नई दिल्ली)। बदलते भारत में लोगों की सोच भी बदल रही है। लेकिन इस बदलती सोच के कुछ नमूने खास ध्यान देने वाले हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (NFHS-5) के हाल ही में जारी आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में रोमांस के अनुभव के मामले में महिलाएं पुरुषों से आगे हैं। देश में 15 से 19 साल की आयु के बच्चों में रोमांस के अनुभव का प्रतिशत 15.1 प्रतिशत है, जबकि इसी आयु समूह के लड़कों में यह अंश 7.7 प्रतिशत है।
हां, यह सत्य है कि बिना शादी के संबंध बनाने में लड़के आगे हैं। 23 से 24 की आयु के अविवाहित लड़कियों में से 95.3प्रतिशत ने कभी भी संबंध नहीं बनाए हैं, जबकि इसी आयु समूह के अविवाहित लड़कों में इस प्रतिशत का आंकड़ा 77.2 प्रतिशत है।
इस से प्रतित्व का यह संकेत मिलता है कि लड़कियों की शादी की औसत आयु आज भी लड़कों से कम है। कम उम्र में शादी के कारण ही 15 से 24 की आयु वर्ग की लड़कियों का रोमांस का अनुभव इसी आयु समूह के लड़कों से अधिक होता है।
पत्नी पर हुए हानिकारक बर्ताव के मुद्दे पर भी सोच बदल रही है, लेकिन स्थिति अब भी चिंताजनक है। देश में 45 प्रतिशत महिलाएं मानती हैं कि पति की पत्नी को मारपीट करना सही है, यहां तक कि यहां तक कि इस आंकड़ा NFHS-4 के मुकाबले 7 प्रतिशत घटा है, लेकिन यह अभी भी चिंता का विषय है।
वहीं, 44प्रतिशत पुरुष भी मानते हैं कि पत्नी को मारपीट करना जायज है, और यहां तक कि यहां तक कि इस आंकड़ा NFHS-4 के मुकाबले 2प्रतिशत बढ़ गया है। जानिए, कैसे संबंध के प्रति लोगों की दृष्टि बदल रही है और घरेलू हिंसा को जायज मानने वाली आबादी के बारे में…
NFHS-5 के मुताबिक हर 15 से लेकर 24 साल तक के आयु वर्ग में हर सेक्शन में शारीरिक संबंध का अनुभव लड़कों के मुकाबले लड़कियों में ज्यादा है।
चाहे 15 से 17 की उम्र में हो या 23 से 24 की उम्र में, हर आयु वर्ग में संबंध का अनुभव रखने वाली लड़कियों का प्रतिशत लड़कों से ज्यादा है। लेकिन ये आंकड़े यह भी बताते हैं कि यौन अनुभव रखने वाली लड़कियों में 98.9प्रतिशत की एक न एक बार शादी जरूर हुई थी।
समाजशास्त्री मानते हैं कि इसकी सबसे बड़ी वजह कम उम्र में शादी होना है। सर्वे में 15-19 के आयुवर्ग की 15.1 प्रतिशत लड़कियों ने माना कि वो संबंध बना चुकी हैं। इनमें से 1.2प्रतिशत ने माना कि संबंध 15 की उम्र से पहले बनाए हैं।
वहीं, 23-24 की उम्र की 74.7प्रतिशत लड़कियों ने संबंध बनाना स्वीकारा और इस उम्र की 4प्रतिशत लड़कियों ने माना कि संबंधका अनुभव 15 से कम उम्र में हुआ था। समाजशास्त्री मानते हैं कि 15 से कम की उम्र में शादी का ट्रेंड घटा जरूर है, मगर बंद नहीं हुआ है।
लड़कों की शादी की औसत उम्र ज्यादा लड़कियों की कम
समाजशास्त्री कहते हैं कि ये आंकड़े शादी की उम्र में अंतर का स्पष्ट इंडिकेटर हैं। 23 से 24 की उम्र में 74प्रतिशत लड़कियां संबंध के प्रति एक्सपोज हो जाती हैं, जबकि सिर्फ 45प्रतिशत लड़के ही एक्सपोज होते हैं। इसकी वजह ये है कि समाज में शादी के समय लड़की के लिए हमेशा उम्र में बड़ा लड़का पसंद किया जाता है। इसकी वजह से लड़कियों की शादी की औसत उम्र ही लड़कों के मुकाबले कम है।
लड़कों की शादी देर से होती है, मगर जब भी होती है तो कम उम्र की लड़की से ही होती है।
आर्थिक स्टेटस के साथ बदलता है शादी की उम्र का ट्रेंड गरीबों में जल्दी और अमीरों में देर से हो रही है शादी शादी की उम्र और संबंध के प्रति एक्सपोजर का सीधा संबंध आर्थिक स्थिति से जुड़ा दिखता है। NFHS-5 के आंकड़े दिखाते हैं कि 15-24 की उम्र में संबंधों के प्रति एक्सपोजर सबसे ज्यादा निम्न आय वर्ग में दिखता है। हालांकि, यहां भी लड़कियों का एक्सपोजर लड़कों से ज्यादा है।