अफसरों ने 32 साल बाद खोली अलमारी तो रह गए हैरान, अंदर से मिला ये…

Indian News Desk:

HR Breaking News, New Delhi : सरकारी दस्तावेज डिजिटल करने के मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर अमल के लिए सोमवार को अभियोजन कार्यालय में सफाई अभियान के तहत करीब 32 साल बाद आलमारी खोली गई तो सबके कदम पीछे हट गए। आलमारी में मौजूद दस्तावेज-किताबें दीमक चट कर गईं थीं। छोटे जीव-जंतु के अंडे बिखरे पड़े थे। दरवाजा खुलने के बाद बदबू ऐसी फैली कि सांस लेना मुश्किल हो गया। किसी तरह किताबें हटाई गईं। अगले चरण में निष्प्रयोज्य सामान की नीलामी होगी और फिर डिजिटलीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
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दरअसल पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने अभियोजन कार्यालय के दस्तावेजों को डिजिटल करने के निर्देश दिए थे। आदेश पर अमल करने के लिए 20 जुलाई को एडीजी अभियोजन दिपेश जुनेजा ने पूरे प्रदेश में निष्प्रयोज्य सामग्री व पुस्तकों की नीलामी करने का आदेश दिया था। नीलामी की पूरी प्रक्रिया भी जारी की गई थी। एडीजी के आदेश के बाद सोमवार को गोरखपुर के वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह ने कार्यालय की पुरानी आलमारी को खोला। इन आलमारियों में पुरानी किताबें और जरूरी दस्तावेज थे।
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किताबें इस लायक भी नहीं मिलीं कि उन्हें रद्दी में भी बेचा जा सके। किताबों को दीमक चट कर चुके थे और वे सड़-गल गई थीं। अनुमान है कि करीब 32 साल पहले ये आलमारी बंद की गई थीं और तब से, किसी ने इसे खोलने की जहमत नहीं की। आलमारी से ऐसी बदबू उठ रही थी कि दफ्तर में बैठना मुश्किल हो गया। निदेशालय को यह रिपोर्ट भेज दी गई कि किताबें रद्दी में भी बिकने लायक नहीं हैं।
एडीजी अभियोजन दिपेश जुनेजा ने बताया कि सफाई अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है। निष्प्रयोज्य सामग्री को नीलाम करने का आदेश दिया गया है नीलामी के लिए मानक तय कर दिए गए हैं। इसके बाद डिजिटलीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी।