अब नहीं पड़ेगी गैस सिलेंडर की जरूरत, इंडियन ऑयल ने किया बड़ा ऐलान

Indian News Desk:

एलपीजी सिलेंडर : अब पड़ी गैस सिलेंडर की जरूरत नहीं है

एचआर ब्रेकिंग न्यूज, डिजिटल डेस्क- अभी आपको घरों में ‘इंडेन’ रसोई गैस सिलेंडर मिल जाएंगे, लेकिन बहुत जल्द यह बीते दिनों की बात हो जाएगी। इंडियन ऑयल, ‘इंडेन’ नामक एक सरकारी स्वामित्व वाली रसोई गैस आपूर्तिकर्ता ने लोगों के घरों में सीएनजी (संपीड़ित प्राकृतिक गैस) और पीएनजी (पाइप प्राकृतिक गैस) कनेक्शन प्रदान करना शुरू कर दिया है।

इंडियन ऑयल देश भर में लोगों के घरों में सीएनजी और पीएनजी पहुंचाने का काम कर रही है। कंपनी की योजना करीब 1.5 करोड़ लोगों को सीएनजी और पीएनजी कनेक्शन मुहैया कराने की है। LPG की तुलना में CNG और PNG कनेक्शन आपके लिए फायदे का सौदा हो सकता है.

लीक होने पर कोई नुकसान नहीं, 30% सस्ता भी-
इंडियन ऑयल के निदेशक (पाइपलाइन) एस. नानावडे का कहना है कि एलपीजी या मोटर स्पिरिट की तुलना में सीएनजी और पीएनजी घरेलू उपयोग के लिए “अधिक सुरक्षित” हैं। ये हवा से भी हल्के होते हैं। इसीलिए किसी भी तरह का रिसाव तुरंत हवा में समा जाता है और किसी को नुकसान नहीं होता है।

उन्होंने यह भी कहा कि ये दोनों ईंधन एलपीजी से काफी सस्ते हैं। ये बाजार में उपलब्ध अन्य ईंधन विकल्पों की तुलना में 30 प्रतिशत तक सस्ते हैं। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने ‘एयरवॉय टेक्नोलॉजीज’ के साथ तमिलनाडु में अपनी तरह का एक संयंत्र स्थापित किया है, जहां सीएनजी सिलेंडरों के लिए एक परीक्षण इकाई स्थापित की गई है।

इंडियन ऑयल नौ लाख कनेक्शन देगी
इंडियन ऑयल ने कहा कि वह देश भर में 1.5 करोड़ लोगों को सीएनजी और पीएनजी की आपूर्ति करेगी। कोयम्बटूर में ही करीब 9 लाख कनेक्शन देने की योजना है। कंपनी ने इसके लिए कोई अंतिम लक्ष्य तय नहीं किया है, लेकिन यह नीचे या ऊपर जा सकता है।

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कंपनी की योजना जम्मू और कश्मीर और पूर्वोत्तर क्षेत्र को छोड़कर पूरे देश में सीएनजी और पीएनजी पाइपलाइन बिछाने की है। इन दोनों इलाकों में पहाड़ी इलाका होने के कारण यहां पाइपलाइन बिछाना मुश्किल है। इसके बावजूद सरकार की योजना यहां भी पाइपलाइन बिछाने की है। इसके लिए सरकार ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट भी मांगा है।

सरकार गैस का इस्तेमाल बढ़ाना चाहती है।
केंद्र सरकार देश में गैस की बिक्री बढ़ाना चाहती है। वर्तमान में, देश की ऊर्जा टोकरी में इसकी हिस्सेदारी 6.5 प्रतिशत है, जो 2030 तक बढ़कर 15 प्रतिशत होने की उम्मीद है। सरकार ने देश की 98 फीसदी आबादी को सीएनजी और पीएनजी का इस्तेमाल करने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में देश में एलपीजी की मुख्य आपूर्ति आयात से पूरी की जाती है।

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