अब नहीं चलेगी मकान मालिक की मनमर्जी, किराएदार जान लें ये 6 नियम

Indian News Desk:

HR BREAKING NEWS, DELHI : अक्सर मकान मालिक (Landloard Rights) और किराएदारों (Tenant rights) के बीच किराए और घर में मिलने वाली सुविधाओं को लेकर झड़प होती रहती है. इतना ही नहीं कई बार मकान मालिक अपने मन मुताबिक एडवांस किराया और बिना बताए किराया तक बढ़ा देते हैं. इसकी वजह से किराएदारों पर किराए को लेकर अतिरिक्त बोझ पड़ता है. वहीं कई किराएदार मकान मालिकों को किराया नहीं देते और उन्हें तरह-तरह की धमकियां भी देते रहते हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने साल 2021 में एक कानून पास किया था जिसका मकसद मालिकों और किराएदारों के बीच होने वाली छोटी-छोटी लड़ाइयों को निपटाना और उनके हकों को सुरक्षित रखना था. आइए जानते हैं क्या है वो कानून.
सरकार ने पास किया Model Tenacny Act
केंद्र सरकार के Model Tenacny Act जिसे मॉडल किरायेदारी अधिनियम भी कहते हैं 2021 में पास किया था. इस एक्ट में कई प्रावधान हैं, जो किरायेदार और मकान मालिक दोनों के हितों की रक्षा करते हैं. इस कानून के अंतर्गत राज्य सरकारों को नए नियम लागू करने की अनुमति भी दी गई है. इस कानून के जरिए केंद्र सरकार देश में एक समान रेंटल मार्केट बनाना चाहती है.
क्या कहता है कानून?
इस कानून के अनुसार प्रॉपर्टी के मालिक और किरायेदार के बीच रेंट एग्रीमेंट होना जरूरी है. रेंट एग्रीमेंट के रजिस्ट्रेशन के लिए प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में एक स्वतंत्र प्राधिकरण (independent insurance authority) और यहां तक कि किरायेदारी से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए एक अलग अदालत की स्थापना भी की है.