Bihar में ट्रैफिक चालान की नई व्यवस्था शुरू, अब ऐसे कटेंगे वाहन चालाकों के चालान

Indian News Desk:

HR Breaking News (नई दिल्ली)। पटना और मुजफ्फरपुर में कैमरों की मदद से ऑटोमेटिक चालान काटा जा रहा है. सड़कों पर लोग अगर नियम तोड़ रहे हैं तो उनके मोबाइल पर सबूत के साथ चालान पहुंच जा रहा है. पटना और मुजफ्फरपुर शहर के बाहरी इलाकों में जहां ऑटोमैटिक चालान की व्यवस्था नहीं है, वहां ई-चालान शुरू किया गया है।
बिहार के 12 ऐसे जिलें हैं, जहां नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों का ई-चालान मशीन से किया जाएगा. इसके लिए इन जिलों में तैनात ट्रैफिक पुलिस के बीच 638 हैंड हेल्ड डिवाइस (एचएचडी) का वितरण किया गया और इन्हें इसका प्रशिक्षण भी दिया गया. इन 12 जिलों में मैनुअल चालान पूरी तरह से बंद हो गया है. यानि अब कोई पुलिसकर्मी हाथ से रसीद काटकर आपका चालान नहीं करेगा, बल्कि ट्रैफिक पुलिस की वर्दी में लगे कैमरे की मदद से तस्वीर ली जाएगी और मशीन के जरीए ऑनलाइन चालान होगा।
इन 12 जिलों में बंद हुआ मैनुअल चालान
बिहार के 12 जिलों में मैनुअल चालान की जगह ई-चालान कटेगा. इसमें पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, नालंदा, सारण, भोजपुर, दरभंगा, कटिहार, पूर्णिया, मुंगेर, गया, बेगूसराय शामिल है. इसके लिए इन जिलों में तैनात ट्रैफिक पुलिस के बीच 638 हैंड हेल्ड डिवाइस (एचएचडी) का वितरण किया गया और इन मशीनों को कैसे चलाया जाता है इसकी ट्रेनिंग भी दी गई।
पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन के सभागार में गुरुवार को आयोजित इससे संबंधित कार्यक्रम में एडीजी (ट्रैफिक) सुधांशु कुमार ने सभी कर्मियों के बीच एचएचडी का वितरण किया. इससे पहले इन जिलों में 479 एचएचडी का वितरण कर्मियों के बीच किया गया था।
मशीन ऐसे करती है काम
हैंड हेल्ड डिवाइस (एचएचडी) एक ऐसा उपकरण है, जिससे ई-चालान काटा जाता है. ट्रैफिक पुलिस की वर्दी में कैमरा लगा रहता है और हाथों में यह मशीन रहती है. इस विशेष उपकरण में सिम लगा होता है, जो सीधे परिवहन विभाग के पोर्टल से जुड़ा होता है. इस मशीन में वाहन का नंबर या ड्राइविंग लाइसेंस संख्या डालने पर उस व्यक्ति या वाहन से संबंधित सारी जानकारी सामने आ जाती है. इसके बाद इसी मशीन से चालान काटा जाता है।
चालान से संबंधित सारी जानकारी ऑनलाइन अपलोड हो जाती है. इस पर सिर्फ यह डालना होता है कि चालक ने कौन सा नियम तोड़ा है. उसके बाद चालान अपने आप जनरेट हो जाता है. इस मशीन से किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं होती है. इस मौके पर एडीजी ट्रैफिक ने कहा कि ई-चालान की प्रणाली लागू होने से पूरी व्यवस्था पारदर्शी हो जाएगी. किस जुर्म के लिए कितना जुर्माना देना होगा, यह भी पूरी तरह से स्पष्ट होगा।