Kundli Matching: शादी से पहले क्यों मिलाते हैं कुंडली, क्या पति-पत्नी रहते हैं 7 जन्म तक

Indian News Desk:

एचआर ब्रेकिंग न्यूज, डिजिटल डेस्क: हिंदू धर्म में विवाह को कई जन्मों की साझेदारी माना जाता है, इसलिए विवाह करने से पहले वर-वधू की कुंडली मिलाकर उनके योगों और गुणों का मिलान करने की प्रथा है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि अगर जन्म कुंडली में मौजूद गुणों का अच्छी तरह से मिलान किया जाए तो शादी जन्म से लेकर जन्म तक चलती है।

कुंडली गुण मिलान को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसके कई ज्योतिषीय लाभ भी हैं। ज्योतिष शास्त्र में शादी से पहले कुंडली मिलाना भी जरूरी माना गया है, ताकि भविष्य में पति-पत्नी के विचारों में सामंजस्य बना रहे। जीवन में समरसता के ताने बाने से ही जीवन आगे बढ़ता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वर-वधू की कुंडली के गुणों की तुलना करके यह समझा जा सकता है कि आने वाला समय धन और संतान प्राप्ति का कैसा रहेगा। क्या आपके जीवन में कोई बाधा आएगी? राशिफल और कुंडली के मिलान से यह पता चलता है कि जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा आ रही है तो उसे कैसे दूर किया जा सकता है।

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शादी दो लोगों के बीच का ऐसा रिश्ता है जो उन्हें जिंदगी भर के लिए बांध देता है। इसलिए शादी में दूल्हा और दुल्हन के गुणों का मिलान करना बहुत जरूरी माना जाता है। इसके अलावा कुंडली की तुलना से यह भी पता चल जाता है कि कुंडली में कोई त्रुटि है या नहीं।

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कुंडली मिलान के बाद यदि किसी प्रकार की त्रुटि पाई जाती है तो उसे समय रहते ठीक किया जा सकता है। ऐसा करने से आने वाले दिनों में वर-वधू का जीवन सुखमय रहेगा। यह भी माना जाता है कि कुंडली मिलान में जीवन साथी को अगले जन्म में किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या या किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है।

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विवाह से पहले वर-वधू की कुंडली मिलान कर विवाह के बाद कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। राशिफल मिलान आपको बताएगा कि जीवन में क्या बदलाव आने वाले हैं।

विवाह के समय कुंडली मिलान में अष्टकूट गुण देखा जाता है। मुख्य रूप से कुछ गुणों की समानता बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। जिनमें नाड़ी दोष, भकूट दोष, गण, ग्रह मैत्री आदि प्रमुख हैं। मान्यता के अनुसार अगर किसी की कुंडली में नाड़ी दोष है। तो शादी मत करो।

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