जानिए पति-पत्नी की उम्र में कितना फासला होना चाहिए

Indian News Desk:
एचआर ब्रेकिंग न्यूज, डिजिटल डेस्क: कहते हैं कि ‘उम्र तो बस एक नंबर है’, सेल्फ मोटिवेशन के लिए यह बात तो ठीक है, लेकिन जब बात रिश्तों की आती है तो इसका मतलब सिर्फ नंबर नहीं होता। जैसे-जैसे आप बड़े होते जाते हैं, आपकी परिपक्वता का स्तर और अनुभव भी बढ़ता जाता है। ऐसे में हर आयु वर्ग के साथ एक साथ बैठना आसान नहीं है। खासतौर पर कपल्स के बीच उम्र का ज्यादा फासला नहीं होना चाहिए, नहीं तो रिश्ता टूटने की संभावना बढ़ जाती है। हम नहीं, विज्ञान कहते हैं। हालांकि कई सेलेब्रिटीज ने इस बात को गलत भी साबित किया है। मिलिंद सोमन और अंकिता, शाहिद कपूर और मीरा, सैफ अली खान और करीना, दिलीप कुमार और शायरा बानो, धर्मेंद्र और हेमा मालिनी जैसे कई उदाहरण हैं, जिन्होंने उम्र के बड़े अंतर के बावजूद अपने रिश्ते को अच्छी तरह से निभाया।
लेकिन फरहान अख्तर और अधुना, सैफ अली खान और अमृता सिंह, आमिर खान और किरण राव, लिएंडर पेस और रिया पिल्लई जैसे कई उदाहरण हैं, जिनमें उम्र के फासले का असर साफ दिखाई देता था। इसके कारण रिश्ते में अनुकूलता की समस्या उत्पन्न होती है और अंततः विवाह तलाक में समाप्त हो जाता है। इन उदाहरणों को देखने के बाद इस मामले में विज्ञान को पूरी तरह से गलत नहीं कहा जा सकता। साथ ही यह भी ध्यान देने वाली बात है कि जिन रिश्तों में पत्नी की उम्र ज्यादा होती है उन रिश्तों में दिक्कतें ज्यादा आती हैं। इसीलिए पहले के जमाने में हमेशा बड़ा बेटा ही शादी के लिए देखा जाता था। आइए जानते हैं पति-पत्नी की उम्र में क्या अंतर होना चाहिए और बेटे का बड़ा होना क्यों अच्छा माना जाता है?
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आयु के बारे में शोध क्या कहता है
अटलांटा की एमोरी यूनिवर्सिटी में शादी के लिए कपल्स के बीच उम्र के अंतर पर एक स्टडी की गई। यह स्टडी 3,000 लोगों पर की गई थी। अध्ययन से पता चला है कि जो जोड़े केवल एक वर्ष अलग हैं उनके तलाक का केवल 3 प्रतिशत मौका है। पांच साल की उम्र के अंतर वाले जोड़ों में तलाक का 18%, 10 साल के अंतराल के लिए 39% और 20 साल के अंतराल के लिए 95% मौका होता है। दूसरी ओर, बच्चे होने के बाद तलाक की संभावना 59 प्रतिशत कम हो जाती है। यानी स्टडी के मुताबिक उम्र का फासला जितना कम होगा, पति-पत्नी के बीच तालमेल उतना ही अच्छा होगा और तलाक की संभावना भी कम होगी।
प्राचीन समय में पति का पत्नी से बड़ा होना जरूरी था।
पहले के समय में, एक पुरुष परिवार और घर की महिला को संभालता था। उस समय घर से बाहर के सभी महत्वपूर्ण निर्णय पुरुष ही लेते थे, परिवार में उनकी सहमति के बिना कुछ भी नहीं किया जाता था। इस मामले में पुरुष शक्ति का प्रभाव बना रहा, इसलिए उसने एक युवती से विवाह किया जो घर की देखभाल करती थी और अपने पति का सम्मान करती थी और सब कुछ सुनती और समझती थी। आजकल लड़के और लड़कियां दोनों पूरी तरह से स्वतंत्र हैं, इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन बड़ा है। लेकिन अगर आप इसे वैज्ञानिक नजरिए से देखेंगे तो आप समझ जाएंगे कि पति-पत्नी के रिश्ते में पति का बड़ा होना क्यों जरूरी है।
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क्यों बड़ा हो पति, समझें वैज्ञानिक तथ्य
सभी अध्ययनों से पता चलता है कि लड़कियों का दिमाग भी लड़कों की तुलना में अधिक परिपक्व होता है। ऐसे में अगर लड़का अपनी उम्र या उससे बड़ी उम्र की लड़की से शादी कर लेता है तो पत्नी उससे कहीं ज्यादा मैच्योर होगी। ऐसे में दोनों के बीच अहंकार की समस्या बार-बार सामने आएगी। वह पति की हर बात नहीं सुन पाएगी और कम परिपक्व होने के कारण वह उसे वह सम्मान नहीं दे पाएगी जिसकी पति उससे उम्मीद करता है। जाहिर है कि दोनों के बीच तकरार अभी और बढ़ेगी।
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साथ ही, हार्मोनल परिवर्तनों के कारण, एक लड़की शारीरिक रूप से एक लड़के की तुलना में तेजी से बढ़ती है। अगर बुजुर्ग पत्नी जल्दी बूढ़ी दिखने लगे तो पति का पत्नी के प्रति आकर्षण कम हो जाता है। दोनों के बीच एक उचित संयोजन नहीं पाया जा सकता है।
हमारे समाज में आज भी परिवार चलाने की जिम्मेदारी एक पुरुष की है। ऐसे में अगर दो लोग एक ही उम्र के हों तो सम्मान की कमी होती है। साथ ही, आदमी को अपनी जिम्मेदारियों का पूरी तरह से एहसास नहीं हो सकता है। इसीलिए अगर पुरुष महिला से उम्र में बड़ा है तो उनके बीच तालमेल अच्छा रहता है। एक दूसरे के प्रति सम्मान, आकर्षण बना रहता है और रिश्ता मजबूत होता है।