घर में है जवान बहू तो रखें इन बातों का ख्याल, नहीं तो आ सकती है परेशानी

Indian News Desk:

एचआर ब्रेकिंग न्यूज (ब्यूरो)। ऐसा कहा जाता है कि एक भाभी का सबसे अच्छा दोस्त उसका दामाद होता है। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि यह परिभाषा हर परिवार पर फिट बैठती हो। खलम्मा को दामाद के बजाय दामाद के साथ तालमेल बिठाना मुश्किल लगता है, क्योंकि उसे बहुत सी बातों का ध्यान रखना पड़ता है, जबकि ज़ारा की उपेक्षा रिश्ते को हमेशा के लिए बर्बाद कर सकती है। हम कुछ ऐसी बातों के बारे में बात कर रहे हैं जिन्हें जानना अच्छा है।

एक सीमा निर्धारित करें

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ननद और ननद के रिश्ते में सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है सीमाएं तय करना। जिस प्रकार सास से बात करने या उसका उपयोग करने में एक सीमा नहीं लांघी जा सकती, उसी प्रकार सास के साथ कैसा व्यवहार किया जाए, इसकी एक उचित सीमा निर्धारित करना बेहतर है। इससे आपसी सम्मान और गरिमा बनी रहती है और किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सकता है जिससे तनाव या शर्मिंदगी हो सकती है।

ज्यादा दखलअंदाजी न करें

ननद-भाभी के बीच भले ही अच्छे संबंध हों, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि दोनों को एक-दूसरे की जिंदगी में दखल देने का हक है। ससुराल वालों का अपना निजी जीवन होता है और उन्हें इससे जुड़े मामलों को तय करने का अधिकार होता है। उसके निजी जीवन में तब तक दखल न दें जब तक कि वह किसी बात पर अपनी राय नहीं चाहती। इसी तरह वैवाहिक जीवन से जुड़े मामलों में देवर को दखलअंदाजी न करने दें, क्योंकि इससे स्थिति और बिगड़ेगी।

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पति और सास के बीच में न आएं

पति और देवर की चर्चा के बीच आने की कोशिश न करें। मान लीजिए अगर आपका पति छोटे भाई को किसी बात पर डांटता है और दोनों के बीच बहस हो जाती है, तो हस्तक्षेप करने की कोशिश न करें और उन्हें आपस में मसले को सुलझाने दें। यह मत भूलो कि वे भाई हैं जो हमेशा साथ रहते हैं। ऐसे में उनके बीच बहस होना आम बात है। यदि आप बीच में आकर किसी एक का पक्ष लेने या समझाने का प्रयत्न करेंगे तो दूसरे को यह अच्छा नहीं लगेगा, जिससे एक दिन में समाप्त होने वाला झगड़ा लम्बा हो जायेगा।

राज़ नाम की कोई चीज़ नहीं होती माना जाता है कि दोस्ती में राज़ ही रहता है, लेकिन ननद-भाभी के रिश्तों में ऐसा करना मुश्किल हो सकता है। भले ही आप दोनों दोस्त हों, लेकिन अगर वह आपसे कोई बात गुप्त रखने या अपने पति से छुपाने के लिए कहती है, तो बेहतर है कि आप उसकी बात न सुनें। ससुराल से जुड़ी कोई भी बात गुप्त न रखें, कम से कम अपने पति से तो नहीं। क्‍योंकि अगर भविष्‍य में इसको लेकर कोई विवाद होता है तो आपके पति को पता होगा कि सिचुएशन को कैसे हैंडल करना है।

धन संबंधी

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दामाद छोटा है और पैसे चाहिए? सास और पति ने उसे पैसे देने से मना कर दिया? या वह उनसे पैसे नहीं मांगेगा, इसलिए वह आपसे पूछ रहा है? अगर ऐसी कोई स्थिति है तो उससे निपटते समय बहुत ही व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएं। एक बार भुगतान करने के बाद, यह भविष्य में आपके पास आता रहेगा। हर बार जब आप अपने पति को बिना बताए पैसे देती हैं, तो यह भविष्य में आप पर भारी पड़ेगा। पैसा उन चीजों में से एक है जो रिश्तों को सबसे तेजी से नष्ट करता है, इसलिए इससे जुड़े फैसले बहुत सोच-समझकर लेने में ही भलाई है।

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