High Court ने बताया कब रोकी जाएगी सरकारी कर्मचारियों की पेंशन और ग्रेच्युटी

Indian News Desk:

HR Breaking News (नई दिल्ली)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि सेवानिवृत्ति के दिन यदि न्यायलय में आपराधिक केस नहीं चल रहा है तो कर्मी की पेंशन और ग्रेच्युटी नहीं रोकी जा सकती। यदि कोई कर्मचारी आपराधिक मामले में सजा पा जाता है तो सिविल सर्विस रेग्यूलेशन-351 के तहत सरकार को पेंशन ग्रेच्युटी रोकने या वापस लेने या वसूली करने का अधिकार है।
महराजगंज जिले में पुलिस उप निरीक्षक पद से सेवानिवृत्त याची के खिलाफ आपराधिक मामले में पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट पेश की थी, जो विचाराधीन थी। ऐसे में एसपी महाराजगंज की ओर से याची की पेंशन ग्रेच्युटी रोकने का आदेश देना गलत है।
हाई कोर्ट ने याची को दो माह के भीतर पेंशन ग्रेच्युटी आदि के भुगतान करने का निर्देश दिया है। कहा कि यदि भुगतान में देरी की गई तो 12 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करना होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने मो. मजहर की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने एसपी महराजगंज के पेंशन ग्रेच्युटी रोकने के आदेश को रद कर दिया है।
याची जब कुशीनगर के जटहा बाजार थाने में नायब दारोगा था तब एसएचओ ने 18 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी। काउंटर ब्लास्ट में लक्ष्मी यादव ने भी याची व अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी। पुलिस ने याची के पक्ष में फाइनल रिपोर्ट लगा दी।
जिस पर आपत्ति विचाराधीन है। याची महराजगंज से उप निरीक्षक पद से सेवानिवृत्त हुआ। उसे पेंशन ग्रेच्युटी भुगतान का एसपी ने आदेश दिया। लेकिन, उसी दिन आदेश वापस ले लिया। आपराधिक केस तय होने तक पेंशन ग्रेच्युटी भुगतान पर रोक लगा दी।