यहाँ एक ही बेटी पति के सभी भाइयों की पत्नी बनती है, इस प्रकार विभाजन होता है

Indian News Desk:

एचआर ब्रेकिंग न्यूज (नई दिल्ली)। हमारा समाज कभी महिलाओं के प्रति बहुत क्रूर था। महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार नहीं थे। महिलाएं हमेशा घूंघट में रहती थीं। महिलाएं उन विलासिता का आनंद नहीं ले सकती थीं जिन्हें केवल पुरुष अपना अधिकार मानते थे। लेकिन समय के हाथ जैसे फिरते रहते हैं। महिलाओं को सशक्त बनाया गया है। आज स्त्री और पुरुष में कोई भेद नहीं है। लेकिन आज भी कुछ जगह ऐसी हैं जहां महिलाओं को पुरानी परंपराओं का पालन करना पड़ता है। इनमें से एक बहुविवाह है।
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हालाँकि, आधुनिक समय में मल्टी-कैरिज को अवैध माना जाता है और कुछ देशों में कानूनी रूप से प्रतिबंधित है। साथ ही, बहुविवाह के कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं जैसे महिलाओं का अधिक शोषण और पुरुष संतानों के बीच अधिक संघर्ष।
आपको बता दें कि कुछ साल पहले तक हिमाचल और अरुणाचल प्रदेश में ऐसी शादियों की खबरें आती थीं। किन्नरों में बहुविवाह का प्रचलन अधिक था। पिछले दस वर्षों में, बहुविवाह कम आम हो गए हैं। लेकिन यह प्रथा आज भी तिब्बत में सुनी जाती है। शादी के बाद सबसे पहले बड़ा भाई अपनी पत्नी के साथ समय बिताता है। फिर सभी भाई अपनी उम्र के हिसाब से अपनी पत्नियों के साथ समय बिताते हैं।
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आजकल बहुविवाह से बचने के लिए शिक्षा और जागरूकता अधिक आवश्यक है ताकि लोग ऐसी प्राचीन परंपराओं से दूर रहकर अपनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह निभा सकें।