जन्म प्रमाण पत्र का झंझट खत्म, सरकार ने शुरू की ये खास सुविधा

Indian News Desk:

HR Breaking News, Digital Desk- प्रदेश के अस्पतालों में जन्म लेने वाले बच्चों को ‘मां नवजात ट्रैकिंग सिस्टम एप’ (मंत्रा) के जरिए तत्काल जन्म प्रमाण पत्र मिल जाएगा। इसके लिए एप को सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) पोर्टल से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश के करीब एक हजार अस्पतालों में यह प्रयोग शुरु किया गया है। जल्द ही इसे सभी अस्पतालों में लागू करने की तैयारी है।
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाले बच्चों का संबंधित अस्पताल से ही जन्म प्रमाण पत्र बनाया जाता है। इसके लिए अस्पताल अधीक्षक के हस्ताक्षर युक्त प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। अब इसे डिजिटलाइज्ड करते हुए सीआरएस पोर्टल से भी जोड़ा जा रहा है। ऐसे में संबंधित बच्चों को तत्काल प्रमाण पत्र बन जाएगा।
प्रमाण पत्र पर डिजिटल हस्ताक्षर होंगे। उसका सीआरएस पोर्टल पर भी तत्काल अपडेट हो जायेगा। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मंत्रा एप पहले से कार्यरत है। इसे अपग्रेड किया जा रहा है। मां नवजात ट्रैकिंग एप के जरिए अभी आशा कार्यकत्री घर-घर जाकर परिवार कल्याण संबंधी डाटा अपडेट करती हैं।
मंत्रा एप को मिल चुका है अवार्ड-
प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की ओर से विकसित मंत्रा एप को केंद्र सरकार की ओर से ई-गर्वनेंस स्कीम के तहत सिल्वर अवार्ड मिल चुका है। यह पुरस्कार केंद्र सरकार की गर्वनमेंट प्रोसेस री-इंजीनियरिंग फॉर डिजीटल ट्रांसफॉर्मेशन योजना के अंतर्गत कैटेगरी-1 में मिला है। मंत्रा एप के माध्यम से किस केंद्र पर कितना प्रसव हुआ और प्रसव संबंधी सुविधाओं की सभी जानकारी आसानी से मिल जाती है।
इसके माध्यम से नवजात शिशु के जन्म, टीकाकरण व डिलेवरी से सम्बंधित अन्य जानकारियों को फीड करना भी संबंधितों को सिखाया गया था। इससे गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य संबधी आंकड़े डिजिटल हो गए हैं। गर्भवती महिला को एडमिट करते समय स्टाफ नर्स की ओर से एडमिशन का समय, उसके स्वास्थ्य की स्थिति और दिए जा रहे उपचार को फीड किया जाता है। इससे मां और शिशु को ट्रैक करना आसान हो गया है।