सरकारी कर्मचारी अब इस ट्रेन में भी कर सकेंगे फ्री में सफर

Indian News Desk:
HR BREAKING NEWS (ब्यूरो) : देश की शान है वंदे भारत एक्सप्रेस। इसे सेमी हाई स्पीड ट्रेन (Semi Hi-Speed Train) के रूप में डेवलप किया गया गया है। इस ट्रेन में ऐसा कुछ खास है कि इसे सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ही हरी झंडी दिखाते हैं। अभी तक देश भर में 25 वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) चल चुकी है। इसमें करोड़ों लोगों ने यात्रा भी कर ली है। लेकिन अभी तक सरकारी बाबू इस ट्रेन की ऑफिशियल यात्रा करने से महरूम हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब वे भी इस ट्रेन (Train) से सफर का लुत्फ उठा सकेंगे।
वंदे भारत से जुड़ा क्या हुआ है फैसला
ये भी जानें : 3 दिन Delhi बंद, दिल्ली वाले जान लें बस, मेट्रो, बाजार समेत क्या क्या रहेगा बंद और क्या मिलेगी राहत
केंद्र सरकार (central government) की एक एजेंसी है डाइरेक्टरेट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग। लोग इसे ‘डीओपीटी’ (DOPT) के नाम से जानते हैं। यह एजेंसी जो नियम बनाती है, उसे ही पूरे देश का सरकारी बाबू मानता है। लेकिन, जब बात पैसे के खर्च की आती है तो ‘डीओपीटी’ भी केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के एक्सपेंडिचर डिपार्टमेंट (Expenditure Department) या व्यय विभाग का मुंह ताकता है। अभी तक वित्त मंत्रालय की तरफ से वंदे भारत एक्सप्रेस में ट्रेवल के लिए सरकारी बाबुओं को ऑथराइज नहीं किया था। इसलिए देश भर के सरकारी बाबू इस ट्रेन में ऑफिशयली ट्रेवल नहीं कर पाते थे। इसी सप्ताह वित्त मंत्रालय ने ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ और ‘हमसफर एक्सप्रेस’ को अपनी सूची में उसी तरह शामिल कर लिया है, जैसे राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस।
ये भी जानें : SBI ने अपने 50 करोड़ ग्राहकों के लिए जारी किया जरूरी अलर्ट, इसके बाद बैंक की नहीं होगी कोई जिम्मेदारी
क्या होगा फायदा
वित्त मंत्रालय की तरफ से वंदे भारत (Vande Bharat train) में यात्रा को मंजूरी मिलने का असर यह होगा कि अब सभी केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के कर्मचारी, टूर, ट्रेनिंग, ट्रांसफर और रिटायरमेंट पर ‘वंदेभारत’ और ‘हमसफर’ एक्सप्रेस में भी ट्रेवल कर सकेंगे। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा जारी ऑफिस मेमोरंडम के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए शताब्दी और राजधानी ट्रेन में सफर के लिए जो नियम बनाए गए हैं, अब वही नियम ‘वंदेभारत’ व ‘हमसफर’ एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रा करने के लिए लागू होंगे। यहां पर नियमों का मतलब है कि ‘यात्रा के लिए अधिकृत’ होना है।
अभी तक क्या था
इससे पहले सरकारी कर्मियों (government personnel) को ट्रेनिंग, ट्रांसफर और रिटायरमेंट पर उक्त गाड़ियों में सफर करने की सुविधा नहीं मिलती थी। अगर कोई कर्मचारी तबादले पर किसी दूसरे जगह जाता है तो उसे इन ट्रेनों में यात्रा करने की आधिकारिक इजाजत नहीं मिलती थी। रिटायरमेंट पर कोई कर्मचारी अपने मूल स्थान पर जाता है तो वह भी इन ट्रेनों की सुविधा से वंचित रहता था। यदि वे इस ट्रेन में ट्रेवल कर भी लेते तो उन्हें ऑफिस से पैसे नहीं मिलते थे। अब सभी कर्मचारी, टूर, ट्रेनिंग, ट्रांसफर और रिटायरमेंट पर भी ‘वंदेभारत’ व ‘हमसफर’ एक्सप्रेस में यात्रा करने के लिए अधिकृत होंगे।
गत वर्ष मिली थी तेजस एक्सप्रेस में छूट
गत वर्ष सितंबर में देश की पहली प्राइवेट ट्रेन ‘तेजस एक्सप्रेस’ में केंद्रीय कर्मियों को सफर करने का अवसर प्रदान किया गया था। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने इसे लेकर आदेश जारी किए थे। जिस तरह से सरकारी कर्मियों को ‘शताब्दी’ ट्रेन में यात्रा करने का अवसर मिलता था, उसी तर्ज पर मंत्रालय ने केंद्रीय कर्मियों को ‘तेजस एक्सप्रेस’ में यात्रा करने की सुविधा प्रदान की थी। राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस में भी सरकारी कर्मचारियों को यात्रा के लिए अधिकृत करने में काफी दिन लग गए थे।
ये भी जानें : NCR के इस शहर की नाईट लाइफ, लंदन से कम नहीं, रात में लगती है एकदम विदेशी
साल 2019 में चली थी पहली वंदे भारत
पहली वंदे भारत एक्सप्रेस साल 2019 में चली थी। यह नई दिल्ली और वाराणसी के बीच शुरू की गई थी। दूसरी वंदे भारत नई दिल्ली से माता वैष्णो देवी कटड़ा के बीच चलाई गई थी। तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस पिछले साल मुंबई और अहमदाबाद के बीच शुरू की गई थी। चौथी वंदे भारत दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के ऊना के बीच चलाई गई थी। पांचवीं वंदे 11 नवंबर, 2022 को मैसूर और चेन्नई के बीच चलाई गई। छठी वंदे भारत महाराष्ट्र के नागपुर से छत्तीगढ़ के बिलासपुर के बीच चलाई गई। इसके बाद हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी और तेलंगाना के सिकंदराबाद से आंध्र प्रदेश के विशाखापटट्नम के लिए वंदे भारत चलाई गई।