बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे कॉरिडोर के लिए किसानों ने जमीन देने से किया मना, मुआवजा बताया कम

Indian News Desk:

HR Breaking News (ब्यूरो) : जारी, दोहा और हथौरा गांवों के सैंकड़ों किसानों ने मंगलवार को गांव के एक मंदिर में बैठक कर फैसला किया कि अब वह अपनी भूमि नहीं देंगे। एक्सप्रेसवे (Expressway) निर्माण के लिए उनकी भूमि पहले ली जा चुकी है। शेष ज़मीन भी ले ली गई तो उनके खाने के लाले पड़ सकते हैं।
कॉरिडोर के लिए इन गांवों की 300 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि अधिग्रहीत की जा रही है। यूपीडा जो मुआवजा दे रही है उसे किसान कम बता रहे हैं। मुआवजा करीब चार लाख रुपये प्रति एकड़ दिया जा रहा है। जबकि यहां की दर और ज्यादा है। मंगलवार को दोहा गांव में किसानों की बैठक हुई। इसमें किसानों ने कहा कि वह लघु सीमांत किसान हैं।
खेती के अलावा जीवन यापन का कोई दूसरा जरिया नहीं है। बुंदलेखंड एक्सप्रेस- वे (Bundelkhand Expressway) निर्माण में उनकी जमीन ली जा चुकी है। अब औद्योगिक कारीडोर के लिए फिर जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही है। ऐसा हुआ तो वह भूमिहीन होकर बर्बाद हो जाएंगे।
किसान विनोद कुमार गुप्ता और अश्वनी तिवारी आदि का कहना है कि सरकार उनकी उपजाऊ और कीमती जमीनों का मुआवजा भी कम दे रही है। वे अपनी शिकायत जून में ही जिलाधिकारी और यूपीडा को बता चुके हैं। बैठक में किसानों ने एक राय से अधिग्रहण रोकने की मांग की।
बैठक में किसान अमन कुमार त्रिपाठी. बृजराज, देवकुमार, जयपाल, करन, जय गोपाल, शिव प्रकाश, आदिल, मो. आमिल, अनस और मौलाना अब्दुर्रज्जाक उपस्थित रहे।
बुंदलेखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) में औद्योगिक गलियारे के लिए यूपीडा बांदा जनपद के मवई बुजुर्ग और जमालपुर गांवों में लगभग 300 हेक्टेयर भूमि हासिल करने की तैयारी कर रहा है। यूपीडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुजीतचंद्र शाही कुछ दिन पहले यहां आकर यह जमीनें देख गए हैं। गलियारे की भूमि पूजन और शिलान्यास के लिए मुख्यमंत्री के आने की भी चर्चा है। यूपीडा के सहायक अभियंता एसके यादव के मुताबिक जमालपुर में औद्योगिक पार्क और महोखर व हथौरा कट के पास भी पार्क की तैयारी है।