वाहन चालक जान लें, क्या है E20 FUEL, कैसे होता है तैयार

Indian News Desk:
HR Breaking News (नई दिल्ली)। भारत में इलेक्ट्रिक वाहन का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इलेक्ट्रिक के बाद अब हाइड्रोजन और एथेनॉल से चलने वाली गाड़ियां भी अधिक चर्चा में हैं। इसको लेकर सरकार और वाहन निर्माता कंपनियां दोनों काफी से काम कर रही हैं। लेकिन बहुत से लोगों को एथेनॉल फ्यूल के बारे में पूरी तरह से जानकारी नहीं है।
ये फ्यूल है क्या? ये बनता कैसे है? इसका इस्तेमाल कैसे होता है… क्या इसके लिए गाड़ी के इंजन में कोई बदलाव करने की जरूरत है? चलिए, एक- एक करके समझते हैं।
क्या होता एथेनॉल फ्यूल
एथेनॉल (Ethanol) एक अलग प्रकार का ईंधन है, जिसके इस्तेमाल से प्रदूषण कम होता है। यानी, इससे वाहन भी चलाया जा सकता है और पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचेगा।
चीनी के उत्पादन से बचा हुआ वेस्ट,कचरा या उप-उत्पाद पेट्रोल का अच्छा ऑप्शन है। इसे ईंधन में मिलाकर ऑप्शन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। कीमत की बात करें तो ये काफी सस्ता होगा। इसको फसल की मदद से घरेलू स्तर पर उत्पादित किया जा सकता है। इसके कारण कच्चे तेल की तरह इसे आयात करने की जरूरत भी नहीं होगी। पेट्रोल में एक निश्चित प्रतिशत में एथेनॉल मिलाया जा सकता है। E20 के इस मामले में यह 20 प्रतिशत एथेनॉल और 80 प्रतिशत गैसोलीन है।
कैसे बनता है एथेनॉल
एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जिसे पेट्रोल से मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। एथेनॉल का प्रोडक्शन ऐसे तो मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है, लेकिन इसे शर्करा वाली अन्य फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है। इसके कारण खेती और पर्यावरण को भी काफी फायदा होता है।
पेट्रोल-डीजल के ऑप्शन के तौर पर होगा इस्तेमाल
आज के समय में फ्लेक्स-फ्यूल को पेट्रोल-डीजल के ऑप्शन के तौर पर देखा जा रहा है। ये गैसोलीन और मेथनॉल के साथ मिलकर तैयार किया जाता है। इस तरह के ईंधन से पेट्रोल का इस्तेमाल कम होगा और कॉस्ट भी कम होगी। इतना ही नहीं, फ्लेक्स फ्यूल इंजन वाली कारें बिना किसी दिक्कत के अपने मानक फ्यूल के अलावा दूसरे ईंधन से भी चल सकती हैं। एथेनॉल को गन्ने से तैयार किया जाता है। इसके अलावा शर्करा वाली फसलों, जैसे चुकंदर, फल, जौ, खजूर और नारियल से भी इसे तैयार किया जाता है।
क्या बजट में एथेनॉल है?
ग्रीन ग्रोथ मिशन के अंतर्गत सरकार ने इस बजट में भी एथेनॉल के आयात शुल्क को कर मुक्त करने का भी प्रस्ताव रखा है, जिसके कारण एथेनॉल के इस्तेमाल को बढ़ावा मिल सके। कम कार्बन उत्सर्जन की वजह से यह पर्यावरण में प्रदूषण कम फैलाता है।
क्या है E20 ईंधन का लक्ष्य?
साल 2022 तक पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल का इस्तेमाल किया जाता था, जिसे सरकार द्वारा साल 2025 तक 20 प्रतिशत कर दिया जाएगा। लेकिन इससे पहले लक्ष्य साल 2030 तक रखा गया था। 1 अप्रैल 2023 से देश के कुछ पेट्रोल पंप पर 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल मिलना शुरू हो जाएगा।
कौन-सी गाड़ियां E20 पर चल सकती हैं?
कई बड़ी वाहन निर्माता कंपनियां E20 को ध्यान में रखते हुए अब 2023 मॉडल्स को E20 ईंधन के अनुरूप तैयार कर रही हैं। हाल के दिनों में ऑटो एक्सपो 2023 हुआ था, जिसमें टाटा ने 1.2-लीटर और 1.5-लीटर टी-जीडीआई के दो पेट्रोल इंजन पेश किए थे, जिसे E20 ईंधन से तैयार किया गया है। मारुति के अलावा हुंडई ने क्रेटा, वेन्यू और अल्काज़ार के 2023 मॉडल्स को फ्लेक्स-फ्यूल के अनुरूप तैयार किया है। वहीं मारुति सुजुकी ने ऑटो एक्सपो में वैगन-आर के फ्लेक्स-फ्यूल वर्जन को पेश किया था।