क्या आप सेंट्रल, टर्मिनस और जंक्शन के बीच अंतर जानते हैं?

Indian News Desk:

एचआर ब्रेकिंग न्यूज, डिजिटल डेस्क- ट्रेन यात्रा के दौरान हम अक्सर घोषणाओं में स्टेशनों के नाम सुनते हैं। भारतीय रेलवे के कुछ स्टेशनों के नाम के आगे सेंट्रल होता है, कुछ टर्मिनस या जंक्शन के रूप में आते हैं। इसका कारण उन स्टेशनों की खास लोकेशन है। भारत में 7000 से अधिक स्टेशन हैं और उन्हें चार भागों में बांटा गया है- सेंट्रल, टर्मिनस, जंक्शन और रेलवे स्टेशन। क्या आपने कभी सोचा है कि नाम में यह अंतर क्यों है? आइए जानते हैं इन स्टेशनों के बारे में-
1. टर्मिनस (टर्मिनस)-
जिस स्टेशन पर ट्रेन केवल एक दिशा में जा सकती है उसे टर्मिनस कहा जाता है। ट्रेन जिस दिशा से आई है उसी दिशा में उसे जाना है। देश के कुछ प्रमुख टर्मिनस हैं – बांद्रा टर्मिनस (BDTS), हावड़ा टर्मिनस (HWH), भावनगर टर्मिनस (BVC), छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (CST), कोचीन हार्बर टर्मिनस (कोचीन हार्बर टर्मिनस – CHTS) और लोकमान्य तिलक टर्मिनस ( लोकमान्य तिलक टर्मिनस – एलटीटी)।
2. मध्य (सेंट्रल)-
मध्य शहर का सबसे महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। कुछ जगहों पर पूरे क्षेत्र में इस स्टेशन का विशेष महत्व है क्योंकि यहां से कई रूट की ट्रेनें ली जा सकती हैं। इन स्टेशनों का रेलवे के लिए सामरिक महत्व है। यहां बड़ी संख्या में यात्री आते-जाते हैं। भारत में 5 सेंट्रल स्टेशन हैं – मुंबई सेंट्रल (BCT), चेन्नई सेंट्रल (MAS), त्रिवेंद्रम सेंट्रल (TVC), मैंगलोर सेंट्रल (MAQ) और कानपुर सेंट्रल (CNB)।
3. जंक्शन (Junction)-
एक जंक्शन एक रेलवे स्टेशन है जहां कम से कम 3 रेलवे लाइनें मिलती हैं। आसान शब्दों में कहें तो इस स्टेशन से कम से कम दो अलग-अलग रास्ते गुजरते हैं। भारत में मथुरा जंक्शन से अधिकतम 7 मार्ग गुजरते हैं। यानी यहां से कार को 7 अलग-अलग दिशाओं में ले जाया जा सकता है। इसके बाद सलेम जंक्शन (6 लेन), विजयवाड़ा जंक्शन (5 लेन) और बरेली जंक्शन (5 लेन) है।
4. स्टेशन (स्टेशन)-
एक रेलवे लाइन स्टेशन से सीधे उसी दिशा में गुजरती है। सिर्फ स्टेशन के नाम का मतलब यह नहीं है कि वे कम महत्वपूर्ण हैं। कुछ मामलों में ये बहुत महत्वपूर्ण हो सकते हैं। जैसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (नई दिल्ली स्टेशन – NDLS)।