क्या माता-पिता बच्चों को पैतृक संपत्ति से बेदखल कर सकते हैं, जानिए कानून

Indian News Desk:

एचआर ब्रेकिंग न्यूज, डिजिटल डेस्क- किसी को संपत्ति से बेदखल करने का मतलब है कि संपत्ति पर उनके कानूनी अधिकार खो देना। आपने यह कई बार सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि माता-पिता किस तरह की संपत्ति से बच्चों को बेदखल कर सकते हैं?
माता-पिता को अपनी खुद की अर्जित या बनाई हुई संपत्ति से बच्चों को बेदखल करने का पूरा अधिकार है, लेकिन जब पैतृक संपत्ति की बात आती है तो मामला थोड़ा पेचीदा हो जाता है। हालांकि कानून द्वारा माता-पिता को दी गई संपत्ति पर फिर से दावा करने का अधिकार उनके द्वारा अर्जित की गई संपत्ति तक ही सीमित है।
इतना ही नहीं, अगर माता-पिता को लगता है कि उनके बच्चे ठीक से व्यवहार नहीं कर रहे हैं तो वे उन्हें दी गई संपत्ति भी वापस ले सकते हैं। इसके लिए माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम में प्रावधान किया गया है। इस एक्ट के तहत बच्चे को भी बेदखल किया जाता है।
आप कहाँ पलायन कर सकते हैं?
अब एक बड़ा सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि अगर मां-बाप को बेदखल कर दिया गया तो क्या दादा की जमीन से उनका हक छिन जाएगा? इसका सीधा उत्तर ‘नहीं’ है लेकिन इसके अपवाद भी हैं। माता-पिता केवल अपनी अधिग्रहीत संपत्ति से बच्चों को बेदखल कर सकते हैं। यदि उसके पास कोई पुश्तैनी संपत्ति है तो बेदखली के बाद भी उस पर उसके पुत्र या पुत्री का अधिकार होगा। लेकिन यहां एक बात याद रखनी चाहिए कि अगर पुश्तैनी संपत्ति का कहीं बंटवारा हो जाए तो वह पुश्तैनी नहीं रह जाती। वह संपत्ति पिछली 4 पीढ़ियों तक अविभाजित रहनी चाहिए।
अपवाद-
एक व्यथित बच्चा हमेशा पैतृक संपत्ति के अधिकार का दावा नहीं कर सकता है। माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2017 के तहत, पीड़ित माता-पिता भी अपने बच्चों को पैतृक संपत्ति से बेदखल करने के लिए आवेदन दायर कर सकते हैं। यदि अदालत उनकी शिकायत को वैध मानती है, तो वे बेदखली का आदेश दे सकते हैं। 2020 में मुंबई में ऐसी ही एक घटना सामने आई थी।