UP के 75 जिलों से चलेंगी दिल्ली के लिए बसें, इतना ज्यादा होगा किराया

Indian News Desk:

HR Breaking News, Digital Desk- उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों को देश की राजधानी दिल्ली से बस सेवा के जरिए जोड़ा जाएगा। प्रदेश के कई प्रमुख शहरों से दो-दो बसें दैनिक रूप से राजधानी दिल्ली के लिए चलाई जाएंगी। इससे पहले योगी सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों को राजधानी लखनऊ से जोड़ने वाली बस सेवाओं की शुरुआत की थी।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UP Roadways) की स्थापना के 50 साल पूरा होने के मौके पर मुख्यमंत्री ने 100 नई बसों को इसके बेड़े में शामिल किया है। इन बसों को राजधानी एक्सप्रेस सेवा का नाम दिया है और इन्हें विभिन्न जिला मुख्यालयों से दिल्ली के लिए चलाया जाएगा।
इसके साथ ही प्रदेश के कई बड़े जिलों से लखनऊ तक वातानुकूलित बसों की सेवाएं भी शुरू की गयी हैं। नई शामिल की गयी 100 बसों में 93 को राजधानी दिल्ली तक चलाया जाएगा। बाकी की सात बसों के प्रदेश के भीतर विभिन्न जिलों के बीच चलाया जाएगा।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के मुताबिक राजधानी एक्सप्रेस बसों का किराया सामान्य बसों के मुकाबले 10 फीसदी अधिक होगा और ये कम स्थानों पर रुकते हुए जाएंगी। उन्होंने कहा कि पहले सभी जिला मुख्यालयों से लखनऊ के लिए सीधी बस सेवाएं चलाई गई थीं। अब परिवहन निगम ने सभी जिलों को दिल्ली तक बस सेवा से जोड़ दिया है। दिल्ली सेवा की बसें अन्य बसों की तुलना में तेज चलते हुए कम समय में पहुंचाएंगी।
परिवहन मंत्री ने इन बसों की शुरुआत के मौके पर कहा कि योगी सरकार में ही प्रदेश में 2000 नई बसें चलाई गई हैं जिससे निगम मुनाफे में आया है। उन्होंने कहा कि पहले जहां निगम को 12 से 13 करोड़ रुपये की दैनिक आय होती थी वहीं अब यह बढ़कर 18 से 21 करोड़ रुपये हो गयी है।
राजधानी एक्सप्रेस सेवा की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोगों को बेहतर यात्रा का सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निगम को निजी आपरेटरों का भी सहयोग लेना चाहिए। निजी बस ऑपरेटरों को एक नियमावली के साथ जोड़ा जाना चाहिए।इसके जरिए सभी गांवों व शहरों को बेहतरीन बस सेवा उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
प्रदेश के 10 शहरों में इलेक्ट्रिक बस सेवाएं प्रारम्भ-
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 10 शहरों में इलेक्ट्रिक बस सेवाएं प्रारम्भ की गई हैं। नागरिकों में इन बसों की बहुत मांग है। अन्य जगहों पर भी इलेक्ट्रिक बस सेवा (electric bus services) के प्रति सकारात्मक भाव तथा मांग है। जरुरी है कि बस स्टेशन अच्छे हों, सुरक्षित हों और बस सेवाएं लोगों की मांग के अनुरूप हों। उन्होंने कहा कि जरुरी नहीं कि सरकार के धन से ही परिवहन निगम में बसो के बेड़े को बड़ा करने का प्रयास किया जाए। परिवहन निगम के मौजूदा संसाधनों को भी बढ़ाया जाना चाहिए।