लड़का और लड़की अक्सर सुहागरात पर करते हैं ये गलती, जानना है जरूरी

Indian News Desk:

HR Breaking News (नई दिल्ली)। शादी के समय लड़का-लड़की को शारीरिक संबंध के बारे में एजुकेशन देना उतना ही ज़रूरी है जितना उसे नए जीवन की शुरुआत करते हुए माता-पिता रहन-सहन का तौर-तरीका सिखाते हैं। शारीरिक संबंध को लेकर हम बेटी को या बेटे को एजुकेट करना ज़रूरी ही नहीं समझते।
क्योंकि इस स्तर पर बात करना तो दूर, हम सोचते भी नहीं। हमें ये ज़रूरी ही नहीं लगता। शारीरिक संबंध आज भी हमारे समाज में टैबू है। लेकिन सच तो ये है कि हर लड़का और लड़की को शारीरिक संबंध एजुकेशन से जुड़ी इन बातों के बारे में पता होना चाहिए।
सुहागरात को लेकर लड़के-लड़कियों में कई गलत धारणाएं प्रचलित हैं। फिल्मों से अधिकतर लोग प्रभावित रहते हैं। कई बार दोस्त या इंटरनेट के माध्यम से भी कुछ ऐसी जानकारियां मिलती हैं जो बिल्कुल गलत होती हैं। लेकिन आपको बता दें कि शादी की पहली रात को पार्टनर के साथ संबंध बनाना ज़रूरी नहीं। सबसे ज़रूरी तो ये है कि एक-दूसरे को कंफर्टेबल महसूस कराना, क्योंकि संबंध एक क्रिया नहीं, भावना है और आपके रिश्ते की नींव का महत्वपूर्ण आधार भी।
किस तरह से सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज़ से बचाव करना चाहिए, किस तरह से फैमिली प्लानिंग और पर्सनल हाइजीन का क्या महत्व है, ये सारी बातें शारीरिक संबंध एजुकेशन का एक हिस्सा है।
अधिकांश लड़कियों के मन में बचपन से ही शारीरिक संबंध के प्रति नक़ारात्मक सोच डाल दी जाती है जिससे वो शादी के बाद भी सिर्फ पति की इच्छा मानकर इस क्रिया को करती हैं। वो न तो अपनी चाहतें बयां कर पाती हैं और न ही अपनी सोच। यहां तक कि वो पति को सहयोग भी नहीं दे पातीं, क्योंकि यहां उनके चरित्र से जोड़कर इसे देखा-परखा जाता है।