जजों की छुट्टी, सैलरी, रिटायरमेंट पर आई बड़ी खबर

Indian News Desk:

HR Breaking News, Digital Desk- ज्यूडिशियल रिफॉर्म पर बनी समिति ने आम लोगों को हो रही परेशानियों के मद्देनजर सिफारिश की है. ये सिफारिशें बेहद काम की हैं. संसद की स्थायी समिति ने कहा है कि जजों को एक साथ छुट्टी पर जाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि ऐसे में आम लोगों को परेशाना होती है. आइए जानते हैं इनमें क्या- क्या कहा गया है.
न्यायिक प्रक्रिया सुधार पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि जजों का एक साथ दो- दो महीनों की छुट्टियों पर नहीं जाना चाहिए. जजों को एक साथ छुट्टियों पर जाने के बजाय अलग- अलग समय छुट्टियों पर जाना चाहिए.
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में करीब 35 हजार मामले लंबित हैं और हाई कोर्ट में 60 लाख से भी ज्यादा मामले लंबित पड़े हैं. दरअसल लंबित मामलों की इतनी बड़ी संख्या के पीछे सिर्फ छुट्टी की कारण नहीं है. हाई कोर्ट (high court) में 30 फीसदी वैकेंसी है और कई मामलों में तक 40 फीसदी से 45 फीसदी तक पद खाली पड़े हैं.
ज्यूडिशियल रिफॉर्म (judicial reform) पर बनी समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि जजों को अपनी संपत्ति का खुलासा करना चाहिए. उन्हें एसेट और लायबलिटी का सालाना रिटर्न फाइल करना चाहिए. सरकार कानून बनाकर जजों की संपत्ति का खुलासा करना जरूरी करे.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों के रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की भी सिफारिश की गई है. जजों के लिए अप्रेजल सिस्टम लागू करने के साथ ही उनकी हेल्थ और जजमेंट की क्वालिटी जैसे आधार पर रिटायरमेंट (retirement) तय करने की बात कही गई है. साथ ही यह भी कहा गया है कि रिटायरमेंट के बाद जजों की नियुक्ति में भेदभाव ना हो.