Delhi में हो गया कमाल, 6 गज जगह पर बना दिया 3 मंजिला मकान

Indian News Desk:
HR BREAKING NEWS : राजधानी दिल्ली में एक ऐसा भी घर है, जो मात्र छह गज जमीन पर बना हुआ है. छह गज जमीन पर बने इस तीन मंजिला इमारत में पांच सदस्यों का एक परिवार पिछले कई सालों से रह रहा है. दिल्ली के इस सबसे छोटे घर में 5 खिड़कियां और 3 बाथरूम के साथ-साथ छत पर भी जाने का रास्ता है. ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि छह गज जमीन पर मकान बनाने वाला जरूर कोई बड़ा इंजीनियर या आर्किटेक्ट होगा या फिर जरूर आईआईटी का इंजीनियर होगा.
लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि इस बिल्डिंग को बनाने वाला शख्स पांचवी भी पास नहीं है. इस मकान की चर्चा पिछले कुछ सालों से बुर्ज खलीफा से कम नहीं है. अब आते हैं इस मकान की कहानी पर. बिहार के एक राजमिस्त्री को छह गज का घर बनाने का आइडिया कैसे आया?
दिल्ली का अजूबा घर
दरअसल, बिहार के मुंगेर जिले का रहने वाला अरुण नाम का एक शख्स काम की तलाश में दिल्ली आया था. दिल्ली में उसकी मुलाकात बुराड़ी इलाके में काम करने वाले एक ठेकेदार से हुई. ठेकेदार ने एक राजमिस्त्री के पास अरुण को बतौर मजदूर काम पर लगा दिया. न्यूज 18 की तहकीकात में पता चला कि मकान बनाने वाला बाद में कारीगर यानी राजमिस्त्री बन गया. वह बुराड़ी इलाके के एक ठेकेदार के यहां नौकरी करता था. उस ठेकेदार का काम था, इलाके की जमीन की प्लॉटिंग कर और फिर बेच देना. जिस जमीन पर यह मकान है, वहीं से गली नंबर 65 के लिए रास्ता निकलना था. इसलिए रास्ता निकलने के बाद कोने की 6 गज जमीन बच गई थी. कारीगर अरुण ने ठेकेदार से 6 गज जमीन का यह हिस्सा अपने नाम करवा लिया.
बुराड़ी से कैसे पहुंचे 6 गज के मकान पर
बुराड़ी मेन रोड से जब संत नगर मेन मार्केट के आखिरी हिस्से में पहुंचते हैं तो दाहिने हाथ पर एक छोटी चौधरी डेयरी है. वहां से ही स्थानीय लोग आपको इस मकान के बारे में बताने लगेंगे. जब आप घर के पास पहुंचेंगे तो इस मकान को देखकर कारीगर की तारीफ न करें, ऐसा हो नहीं सकता.
6 गज जमीन पर बने इस मकान का मालिक अरुण जुएबाज था.मकान के अंदर क्या-क्या हैं
ग्राउंड फ्लोर पर ही सीढ़ियों से सटा एक बाथरूम है. जब आप पहली मंजिल पर जाएंगे तो एक बेड रूम और उससे सटा बाथरूम नजर आएगा. बेडरूम से ही दूसरी मंजिल के लिए रास्ता निकाला गया है. पहली मंजिल पर जो बेड है उसे उस इस मकान के पहले मालिक ने कमरे के अंदर ही बनवाया था. तब से अब तक बेड उसी जगह पर है. मकान तिकोने आकार का है. यानी दरवाजे से शुरू होकर अंत तक जाते-जाते दीवारें त्रिभुज की तरह जुड़ जाती हैं.
क्यों बेची मकान
स्थानीय लोगों की मानें तो इस मकान का मालिक अरुण जुएबाज था. वह जुआ खेलता था. इसकी वजह से उस पर काफी कर्ज हो गया था. कर्ज चुकाने के लिए उसने रातोंरात जमीन की पावर ऑफ एटार्नी पवन कुमार उर्फ सोनू के नाम कर दी. सोनू ने इस घर को किराये पर चढ़ा दिया.
इस घर का किराया अभी 4000 रुपये प्रति महीना है. मकान में रह रही पिंकी कहती हैं कि भले ही यह घर छोटा है लेकिन लोगों के बीच चर्चा का विषय है. वहीं लोग इस बात पर भी आश्चर्य करते हैं कि इसमें चार लोग आखिर रहते कैसे हैं. इस घर के बेडरूम में एक सिंगल बेड है. वहीं रसोई में भी सिंगल बर्नर वाली गैस के अलावा बहुत सीमित सामान है.