बिहार में बनेगा 454 किमी का नया 4 लेन हाईवे, इन जिलों को होगा फायदा

Indian News Desk:

एचआर ब्रेकिंग न्यूज (ब्यूरो): वर्तमान में इसकी चौड़ाई 2 लेन है। इस एनएच पर भारी ट्रैफिक है। सोन नदी के पूर्वी समानांतर, यह राष्ट्रीय राजमार्ग नौबतपुर से बिक्रम-अरवल-औरंगाबाद-अंबा होते हुए हरिहरगंज तक चलता है। झारखंड राज्य के पश्चिमी भाग में गारोआ-डाल्टेनगंज के माध्यम से छत्तीसगढ़ पहुंचने का यह सबसे आसान मार्ग है। केंद्र ने अब इस सड़क को 4 लेन बनाने के लिए डीपीआर बनाने की मंजूरी दी है और इसके लिए 1.38 करोड़ रुपये भी मंजूर किए हैं।
वाल्मीकिनगर से नौबतपुर खंड तक पहले से ही काम चल रहा है
पटना से बेतिया तक 195 किलोमीटर लंबे 4 लेन हाईवे का निर्माण 5600 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हो चुका है. यह राजमार्ग बुद्ध सर्किट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस राजमार्ग के बगल में केसरिया बौद्ध स्तूप भी है।
डिफॉल्टर्स को मिलते हैं 5 अधिकार, RBI ने बैंकों को जारी की गाइडलाइंस
- जेपी ब्रिज के समानांतर पटना में दीघा से सोनपुर के बीच 6 लेन केबल ब्रिज का साढ़े तीन साल में 2636 करोड़ का टेंडर हुआ है.
- सारण के कोंहवा घाट से वैशाली के जलालपुर तक सोनपुर-मानिकपुर खंड पर गंडक नदी पर पुल के लिए भी टेंडर निकाले गए हैं.
इन हिस्सों का अभी टेंडर होना बाकी है
मानिकपुर से साहेबगंज
(43 किमी, लागत- 575 करोड़ रुपए)
साहेबगंज से अरेराज
(38 किमी, लागत- 522 करोड़ रुपए)
डिफॉल्टर्स को मिलते हैं 5 अधिकार, RBI ने बैंकों को जारी की गाइडलाइंस
अराज से बेतिया
(43 किमी, लागत- 1062 करोड़ रुपए)
नोट: पटना एम्स गोलंबर से नौबतपुर (लंबाई-9 किमी) को 4-लेन करने की स्वीकृति पहले ही दी जा चुकी है।
डिफॉल्टर्स को मिलते हैं 5 अधिकार, RBI ने बैंकों को जारी की गाइडलाइंस
नई चार लेन राजमार्ग सुविधा
- वाल्मीकिनगर से हरिहरगंज की यात्रा में अभी 11 घंटे लगते थे, अब 6 से 7 घंटे लगते हैं।
- नेपाल पश्चिमी झारखंड के पलामू, चतरा से सीधे जुड़ जाएगा। माल की आवाजाही सुगम होगी।
- यह सड़क आगे चलकर वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे से जुड़ेगी। जहां से कोलकाता आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- दक्षिण बिहार से असम के सिलीगुड़ी पहुंचना आसान होगा। कुछ ही देर में सड़क को ठीक कर दिया जाएगा।
- गंडक नदी के पश्चिम में सोनपुर से अरराज तक 4 लेन का राजमार्ग भी बनाया जाएगा।
- यदि इस हाईवे का निर्माण हो जाता है तो सारण आयुक्तालय के दो जिलों सारण और गोपालगंज के गंडक नदी दियार क्षेत्र में आने-जाने में आसानी होगी।