UP में 1.5 लाख बेरोजगारों को 10 साल बाद वापस मिलेगी फीस, बांटे जाएंगे 290 करोड़

Indian News Desk:

HR Breaking News, New Delhi : एकेडमिक मेरिट के आधार पर 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती के लिए दिसंबर 2012 में आवेदन के रूप में 290 करोड़ (2.9 अरब) रुपये फीस देने वाले अभ्यर्थियों को एक दशक बाद फिर से अपनी रकम वापसी की उम्मीद जगी है।
Tenant Rights : अब नहीं चलेगी मकान मालिक की मर्ज़ी, कानून के दायरे में होंगे सारे काम
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीती 26 जुलाई को एक अभ्यर्थी राजकुमार मिश्र के मामले में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल को दस दिन में फीस वापस करने को कहा है। इस मामले की सुनवाई आठ अगस्त को होगी। इसी के साथ आवेदन करने वाले डेढ़ लाख से अधिक बेरोजगारों को फीस वापस मिलने की उम्मीद जगी है।
तत्कालीन बसपा सरकार ने 30 नवंबर 2011 को प्राथमिक स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती टीईटी मेरिट से शुरू की थी लेकिन पात्रता परीक्षा में धांधली के आरोप लगने बाद सपा सरकार ने प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती टीईटी मेरिट की बजाय एकेडमिक रिकार्ड (शैक्षिक गुणांक) के आधार पर करने का निर्णय लिया। दिसंबर 2012 में विज्ञापन जारी किया गया था।
Tenant Rights : अब नहीं चलेगी मकान मालिक की मर्ज़ी, कानून के दायरे में होंगे सारे काम
जिलों में आवेदन के लिए 500-500 रुपये फीस ली गई। कई अभ्यर्थियों ने 75 जिलों से फॉर्म भरा जिसके एवज में 40 हजार रुपये खर्च करने पड़े। 25 से 30 हजार रुपये फीस के रूप में सरकार को दिए। फीस के रूप में सचिव के खाते में 2,89,98,54,400 रुपये जमा हुए थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टीईटी मेरिट के आधार पर भर्ती पूरी हुई। पैसे वापस नहीं हुए।
सचिव संबंधित अभ्यर्थी को फीस वापस करें
कई अभ्यर्थी रुपये वापसी के लिए हाईकोर्ट में याचिकाएं कर चुके हैं। सचिव नवंबर 2018 से डायट प्राचार्यों पर फीस वापसी टाल रहे हैं। लेकिन अब कोर्ट ने साफ कहा है कि राशि सचिव के खाते में जमा हुई थी इसलिए सचिव ही संबंधित अभ्यर्थी को वापस करें।
Tenant Rights : अब नहीं चलेगी मकान मालिक की मर्ज़ी, कानून के दायरे में होंगे सारे काम